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________________ ( १३६) थोकडा संग्रह। (३ शरीर नाम के पांच भेद:-१ औदारिक शरीर २ वैक्रिय शरीर ३ पाहारिक शरीर ४ तैजस् शरीर ५ कार्मण शरीर। (४) शरीर अंगोपांग के तीन भेदः-१ औदारिक शरीर अंगोपांग २ वैक्रिय शरीर अंगोपांग ३ आहारिक शरीर अंगोपांगा। (५) शरीर बंधन नाम के पांच भेदः-१ औदारिक शरीर बंधन २ वैक्रिय शरीर बंधन ३ आहारिक शरीर बंधन ४ तेजस् शरीर बंधन ५ कार्मण शरीर बंधन । (६)शरीर संघात करणं नाम के पांच भेदः-१ौदारिक शरीर संघात करणं २ वैक्रिय शरीर संघात करणं ३ आहारिक शरीर संघात करणं ४ तैजस शरीर संघात करणं ५ कामेण शरीर संघात करणं । (७) संघयन नाम के छः भेदः-१ वज्र ऋषभ नाराच संघयन २ ऋषभ नाराच संघयन ३ नाराच संघयन ४ अर्ध नाराच संघयन ५ कीलिका संघयन ६ सेवात संघधन। (८) संस्थान नाम के ६ भेदः-१ समचतुरंस्त्र संस्थान न्यग्रोध परिमंडल संस्थान ४ कुब्ज संस्थान ५ वामन सं--- स्थान ६ हुंडक संस्थान; ३६ __(8) वर्ण नाम के पांच भेदः-१ कृष्ण नील३ रक्त ४ पीत ५ श्वेत; ४४ (१०)गंध के दो भेदः-१सुरभि गंध २दुरक्षिगंध,४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002997
Book TitleJainagama Thoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChhaganlal Shastri
PublisherJainoday Pustak Prakashan Samiti Ratlam
Publication Year1935
Total Pages756
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Karma, & Philosophy
File Size23 MB
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