SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 205
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ * २०० * मूलसूत्र : एक परिशीलन ६५. दशवैकालिक : एक समीक्षात्मक अध्ययन, पृष्ठ ५२ ६६. "सिरिओ पब्वइतो अब्भत्तटेणं कालगतो महाविदेहे य पुच्छिका गता अजा दो वि अज्झयणाणि भावणा विमोत्ती य आणिताणि।" -आवश्यकचूर्णि, पृष्ठ १८८ ६७. श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, जैन आगम ग्रन्थमाला, ग्रंथाक १५, पृष्ठ ८१ ६८. दशवैकालिकसूत्र मूल, प्रकाशक-आगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद १३, पृष्ठ ५ ६९. भूमिका, पृष्ठ २८-२९, प्रकाशक-जैन विश्वभारती, लाडनूं ७०. आचारांग १/६/२/१८१ ७१. मीमांसादर्शन १/१/२ ७२. मनुस्मृति २/१ ७३. महाभारत, कर्ण पर्व ६९/५९ ७४. अमोलकसूक्तिरत्नाकर, पृष्ठ २७ ७५. कार्तिकेयानुप्रेक्षा ४७८ ७६. अभिधानराजेन्द्रकोष, खण्ड ४, पृष्ठ २६६९ ७७. “यतोऽभ्युदयनिःश्रेयससिद्धिः स धर्मः। -वैशेषिकदर्शन १/१/२ ७८. (क) दशवैकालिक १/१ (ख) योगशास्त्र ४/१०० ७९. धम्मपद ४/६ “यथामधु समादत्ते, रक्षन् पुष्पाणि षट्पदः । तद्वदर्थान् मनुष्येभ्य, आदद्याद् अविहिंसया॥" -महाभारत, उद्योग पर्व ३४/१७ "धिरत्यु तं विसं वन्तं, यमहं जीवितकारणा। वन्तं पच्चावमिस्सामि, मतम्मे जीविता वरं॥" -जातक, प्रथम खण्ड, पृष्ठ ४०४ “सच्चप्पवायपुव्वा निजूढा, होइ वक्कसुद्धी उ। अवसेसा निजूढा,नवमस्स उ तइयवत्थूओ॥" -नियुक्ति, गाथा १७ ८३. “एएसि महंताणं पडिवक्खे खुड्डया होति।" -वही, गाथा १७८ ८४. “सर्वमेतत् पूर्वोक्तचतुःपञ्चाशद्भेदभिन्नमौद्देशिकतादिकं यदनन्तरमुक्तं तत् सर्वमनाचरितं ज्ञातव्यम्।" -दीपिका (दशवैकालिक), पृष्ठ ७ ८५. "तिण्हमन्नयरागस्स, निसेज्जा जस्स कप्पइ। जराए अभिभूयस्स, वाहियस्स तवस्सिणो॥" -दशवैकालिक ६/५९ ८६. विनयपिटक, पृष्ठ २७, अनु. राहुल सांकृत्यायन, प्र. महाबोधि सभा, सारनाथ (बनारस) ८७. विनयपिटक, पृष्ठ ४१८ ८८. विनयपिटक, पृष्ठ २०४-२०८ ८९. विनयपिटक, पृष्ठ २११ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002996
Book TitleMulsutra Ek Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year2000
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy