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________________ जैनदर्शन (८) संवर-भावना-दुःख अथवा कर्मबन्ध के कारणों को आने न देने का अथवा उन्हें रोकने का विचार करना संवर-भावना है । दुर्वृत्ति के द्वार बन्द करने के लिये सद्वृत्ति के गुणों का चिन्तन करना संवरभावना है। (९) निर्जरा-भावना--दुःख-दुर्गति की जड़ को उखाड डालने, उपस्थित दुःख को मानसिक समाधान के साथ सहन करने अथवा दुःखावह वासना का नाश करने के बारे में विचार करना निर्जराभावना है। ___ (१०) लोक-भावना—विश्व बहुत बड़ा है, उसमें हमारा मूल्य एक अणु-तुल्य है, तो फिर किस बात का हम घमण्ड कर सकते हैं ? ऐसा नम्रताप्रेरक विचार लोक-भावना है । विश्व की विशालता एवं विचित्रता का विचार करने से जो एक प्रकार का कुतूहल तथा हर्ष उत्पन्न होता है और जीवन के क्षुद्र स्वार्थों पर एक प्रकार का उपेक्षाभाव पैदा होकर जो पाप करने का उत्साह मन्द हो जाता है यही इस भावना का बडा लाभ है । यह भावना विनयादि गुणों को प्रकट करने में उपयोगी हो सकती है । __ (११) बोधिदुर्लभत्व-भावना-संसार में सब लाभ सुलभ है, परन्तु सत्य की प्राप्ति दुर्लभ है । मनुष्य-जन्म, सुशिक्षण एवं सुसंगति आदि दुर्लभ तो हैं ही, परन्तु ये सब मिलने पर भी मनुष्य अहंकारूपी पिशाच के अधीन होकर इन सबसे होनेवाले लाभ खो देता है । धर्म एवं सम्प्रदाय के वेश में हम अहंकार के पुजारी बनते हैं, जिससे विशुद्ध सत्य की उपलब्धि नहीं हो पाती । इस प्रकार 'बोधि' अर्थात् विशुद्ध सत्य की उपलब्धि के विषय में विचार करना बोधिदुर्लभत्व भावना है। (१२) धर्मस्वाख्यातत्व-भावना-धर्म का कथन किस प्रकार किया जाय जिससे वह 'स्वख्यात' अर्थात् अच्छी तरह से कहा हुआ समझा जायइस बात का विचार करना 'धर्मस्वाख्यातत्त्व-भावना' है । धर्म सबके लिये हितकारी होना चाहिए, उसमें सबका समान अधिकार होना चाहिए और भिन्नभिन्न और ऊपर-ऊपर से देखने पर विरोधी मालूम होनेवाले धर्म के उपदेशों के बीच सुसंगति स्थापित कर सके ऐसी समन्वयबुद्धि होनी चाहिए । जहाँकहीं सद्गुण दिखाई दे वहाँ से उसे ग्रहण करने की उदारता होनी चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002971
Book TitleJain Darshan
Original Sutra AuthorNyayavijay
Author
PublisherShardaben Chimanbhai Educational Research Centre
Publication Year2003
Total Pages458
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size17 MB
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