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सुप्रसिद्ध प्रवचनकार, सूरिमंत्र समाराधक, परमकृपालु, पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय श्रेयांसप्रभसूरीश्वरजी महाराजा को वंदन....
प्रस्तुत पुस्तक के संपादक-मार्गदर्शक, सूरि रामचन्द्र के विनयी शिष्यरत्न प.पू. मुनिराजश्री रम्यदर्शनविजयजी महाराज साहब को वंदन....
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