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प्रक्ष्य दोष...
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शबरी दोष
दोनों पैरों के बीच अंतर, चरवला पकड़कर होंठ की फड़फड़ाहट के साथ चारों ओर दृष्टि करे, वह अविधि कहलाती है ।
शुद्ध कायोत्सर्ग तथा कायोत्सर्ग के १९ दोष
वायस दोष
शिरःकम्प दोष
संयतिदोष
निगड दोष
शुद्ध काउस्सग्ग की
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नग्न भील की भांति दोनों हाथों से गुप्तांग को ढंककर रखना, वह अविधि कहलाती है।
मुद्रा
कौए के समान इधर-उधर गर्दन घुमाए, तो अविधि कहलाती है ।
भ्रू अङ्गुली दोष खलिण दोष
ऊँगली के पोर में काउस्सग की संख्या गिनना
अथवा नवकारवाली से गिनना, वह अविधि कहलाती है।
स्त्री की भांति चादर से सम्पूर्ण छाती ढंककर रखना, वह अविधि कहलाती है।
Sakaaatiy
वधूदोष
घोटक दोष
नव विवाहित स्त्री की भांति मुँह नीचे झुकाकर रखना तथा घोड़े के समान पैरों को ऊपर-नीचे करना, वह अविधि कहलाती है।
जम्हाई आए तो काउस्सग्ग में मुँहपत्ति का उपयोग मुख के आगे नहीं करना । एक हाथ में एक साथ मुँहपत्ति तथा चरवला रखना वह भी एक अविधि है ।
शुद्ध काउस्सग्ग की मुद्रा
दोनों हाथ जोड़कर पैरों के माप का अंतर रखे बिना
कायोत्सर्ग करना, वह अविधि कहलाती है।
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