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________________ | आपका यह उपकारकभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। WHAIR * * * * * * * * * * * * * परमाराध्यपाद पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा। वात्सल्य निधि, समर्पणमूर्ति, पूज्यपाद आचार्य देव श्रीमद् विजय महोदयसूरीश्वरजी महाराजा। श्राद्धप्रतिक्रमण-सूत्र चित्र आल्बम रचयिता पूज्यपाद आचार्यदैव श्रीमद् विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजा। सदा आशीर्वाद बरसानेवाले पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय हेमभूषणसूरीश्वरजी महाराजा। पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद् विजय श्रेयांसप्रभसूरीश्वरजी महाराज साहब । पूज्य पंन्यासप्रवर श्री तपोरत्नविजयजी गणिवर्य । 'सूरि रामचन्द्र' शिष्यरत्न पूज्य मुनिराज श्री रम्यदर्शन विजयजी म. सा. । पण्डितवर्य श्री चन्द्रकान्तभाई एस. संघवी, पाटण । पण्डितवर्य श्री अमृतभाई पटेल, अहमदाबाद। निःस्पृह स्वभावी श्री कुमारपालभाई . वी. शाह, धोलका। मोक्षपथ प्रकाशन के माननीय ट्रस्टीगण। * सदा उत्साह प्रेरणादाता, नामी - अनामी स्नेही-साधार्मिक बन्धुगण.... । लि. परेशकुमार जे. शाह अहमदाबाद (शिहोरीवाले) पुस्तक में उपयोगी ग्रंथो की यादी और आभार स्वीकार। (१) आवश्यक नियुक्ति (आगमसूत्र) (२) धर्मसंग्रह भाग१-२ (३) छन्दानुशासनम् (४) वृत्तरत्नाकर (५) प्राकृत पैंगल भाग-१-२ (६ )प्रबोधटीका भाग - १-२-३ (७)सूत्र परिशीलन (८) भाव प्रतिक्रमण नुं तालुं खोलो (९) चालो जिनालय जईए (१०) सूत्र संवेदना भाग-१-२ (११) वाचनाश्रोत-१ (१२) श्री श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र चित्र आल्बम (१३) द्रव्यक्रियामांथी भावक्रियामां केवी रीते आवीशुं ? (१४) जैन तत्त्व प्रकाश (१५) सूत्रार्थसार (१६) सूत्रोना रहस्यो भाग-१-२ (१७) प्रबोधटीका श्राद्धप्रतिक्रमणसूत्र (१८) तीर्थंकर चरित्र सचित्र । इत्यादि अनेक ग्रन्थों के सहयोग से प्रस्तत पस्तक तैयार किया गया है। उपरोक्त पुस्तकों के सम्पादक, लेखक, संकलक, संयोजक, प्रकाशक, ट्रस्ट आदि के हम सदा ऋणी रहेंगे। लि. www.anerbrary.org Jain Education International सम्यग्ज्ञानरम्यपर्षदा संचालित
SR No.002927
Book TitleAvashyaka Kriya Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Spiritual, & Paryushan
File Size66 MB
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