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________________ संघोवरि बहुमाणो, सङ्-घो-वरि बहु-माणो, संघ का बहुमान करना, पुत्थय-लिहणं पभावणा तित्थे । पुत्-थय-लिह-णम्-पभा-वणा तित्-थे। पुस्तक लिखना और तीर्थ प्रभावना करना सड्डाण किच्चमेअं, सङ्-ढाण किच-च-मेअम्, ये श्रावक के नित्य निच्चं सुगुरु-वएसेणं ॥५॥ निच-चम् सु-गुरु-व-ए-सेणम् ॥५॥ कर्तव्य सद्गुरु के उपदेश से जानना ।५. गाथार्थ : ३४. श्री चतुर्विध संघ के प्रति बहुमान भाव; ३५. पुस्तके लिखना और ३६. तीर्थ स्थानों में प्रभावना करनी, ये श्रावकों के ३६ कर्तव्य हैं । इनको सद्गुरुभगवंत के उपदेश से जानकर सदा करने चाहिए । ५. अशुद्ध शुद्ध परिहरधर समत्तं परिहरह धरह सम्मत्तं भासासमिय छजीव भासासमिई छज्जीव सढाण किच्चमेअंसड्डाण किच्चमेअं ★यह सज्झाय पौषधव्रतधारी श्रावक-श्राविकागण प्रातःकाल देववंदन करने के बाद, दोपहर का पडिलेहण करते समय और पच्चक्खाण पारते समय बोलते हैं। साथ ही पक्खी, चौमासी तथा संवत्सरी प्रतिक्रमण के अगले दिन देवसिअ प्रतिक्रमण मैं सज्झाय के रूप में यह सूत्र बोला जाता है। नोट :- यह श्रावक के ३६ कर्तव्यों की सज्झाय भी हैं। ४९. श्री भरहेसरबाहुबली सज्झाय गाथा आदान नाम : श्री भरहेसर विषय: बाहुबली सूत्र शीलव्रत का दृढता से गौण नाम : महापुरुषो का स्मरण पालन करनेवाले उत्तम गुरु-अक्षर :५५ सत्त्वशाली महापुरुष राइअ प्रतिक्रमण के लघु-अक्षर : ४३० समय बोलते-सुनते तथा महासतियों के सर्व अक्षर :४८५ समय की मुद्रा। नाम स्मरण। छंद का नाम : गाहा; राग : जिण-जम्म-समये मेरु-सिहरे.... (स्नात्र पूजा) मूल सूत्र | उच्चारण में सहायक पद क्रमानुसारी अर्थ भरहेसर बाहुबली, भर-हे-सर बाहुबली, भरतेश्वर और बाहुबली अभयकुमारो अढंढणकुमारो। अभय-कुमारो-अ-ढण्-ढ-ण कुमारो। राजकुमार अभय कुमार और राजकुमार ढंढणकुमार सिरिओ अणिआउत्तो, सिरि-ओ अणि-आ उत्-तो, मंत्रि पुत्र श्रीयककुमार और अर्णिकापुत्र अइमुत्तो नागदत्तो अ॥१॥ अइ-मुत्-तो नाग-दत्-तो अ॥१॥ अतिमुक्त मुनि और नागदत्त शेठ । १. गाथार्थ : भरत चक्रवर्ती, बाहुबली, अभयकुमार, ढंढणकुमार, श्रीयक, अर्णिका पुत्र, अतिमुक्त, नागदत्त और । १. V atan tema For Private &Personal use Only
SR No.002927
Book TitleAvashyaka Kriya Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Spiritual, & Paryushan
File Size66 MB
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