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________________ मुख्यदिाता | पिताश्री पूनमचंदजी ताराचंदजी लुणिया मातुश्री विजयकॅवरबेन. पू. लूणिया आपकी छत्रछाया में रहकर हम कुछ धार्मिक बने, आपकी शुभाशिष में रहकर हम कुछ पावन बनें। आपके सानिध्य में रहकर हम कुछ उदात्त बनें, आपके संस्कारो में रहकर हम कुछ संस्कारी बने । आपके जीवन के अगणित गुणवैभव हमे गौरवान्वित करते है। इसकी पावनस्मृति में यह प्रस्तुत प्रकाशन में यत्किंचित् लाभ लेकर आनंद की अनुभूति का अहेसास करते है। सुपुत्र पुत्रवधु सुपुत्री जमाईराज डॉ. युगेशकुमार रानीबेन कुमकुम वैद सुरेन्द्रसिंह वैद श्री प्रदीपकुमार सुनीताबेन पौत्र दोहित्र दोहित्री शीटू समृद्धि हर्षवर्धन वैद वर्षा वैद दिव्य रिद्धि निखीता लि. श्री पुनमचंदजी ताराचंदजी लुणिया परिवार का प्रणाम !!, (न्यु दिल्ही) refeladaed शुभेच्छक Kahaniy १. आर्य मौनीश भणशाली, हस्ते : शिरीषभाई, पालनपुर (हाल : मुंबई) २. श्रीमती गौरीबहेन शरेमलजी भेरुमलजी सांकरीया, भायखला, मुंबई ३. श्री चंपालालजी दलीचंदजी राठोड, राणीगाँव वाले, (हाल : येरवडा, पूना) ४. श्रीमती सुंदरबाई जीवराजजी कांकरीया, येरवडा, पूना पौत्री NIRTANTARALICIATIHAR Dan Education international For Private & Personal use only wjapale १७
SR No.002927
Book TitleAvashyaka Kriya Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamyadarshanvijay, Pareshkumar J Shah
PublisherMokshpath Prakashan Ahmedabad
Publication Year2007
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ethics, Spiritual, & Paryushan
File Size66 MB
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