________________
संपूर्ण सचित्र
पंच प्रतिक्रमण के सूत्र-अर्थ, पद-संपदा, उच्चार पद्धति, आदान गौण नाम. विविध मुद्रा, छंद के प्रचलित राग, तपाचारकीति दशत्रिक-जिन-पूजा विधि, प्रतिक्रमण-विधि-रहस्य इत्यादि
वीर्याचारकी शुद्धि
चारित्राचार की शुद्धि
पच्चक्खाण
सर्वाचारी कीशुद्धि
कायोत्सर्ग
दर्शनाचारकोशलिसामायिक
प्रतिक्रमण
पांच आचारमय छह आवश्यक
छानादिकी शुद्धि
चउव्विसन्यो
वंदन
संपादक-मार्गदर्शक परम पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय रामचन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहब के शिष्यरत्न
मुनिराज श्री रम्यदर्शन विजयजी महाराज साहब संकलक :परेशकुमार जे.शाह (शिहोरीबाले)
Jain Education International