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सन्देशरासक-शब्दकोष गण-गण (गु. गणधु) गणंति २०६, गणिजद्द २०६
घडिय १५४ घटित (गु. घडवू) गठि २७ ग्रंथि
घण १०६ घन, घणउ ५२ (गु. घणु) गंड ४८
°घण°१३३ मेघ गंध १८४
घणसार १३८ घनसार गंधकरिस १९५ (गंधुकरिस) गंधोत्कर्ष
घर १६७ गृह (गु. घर) गंधमोअ २०३ गंधामोद
घरणिय १०३, घरि-गृहिणी (गु. घरणी, गंधवहि १३३ [वहिन] गंधवह
घरुणी) गम् = गच्छ् , गमहि १०२, गमियइ १४२, घल्लिय ९२ क्षिप्त (गु. घालवू)
१५८, गम्मियइ ११७, गमिजइ ६४ घुट्टिवि १६२ Vघुट पिष् गमिय, १८०, गम्मियउ
घुरहुरइ १३९ सरोषं गर्जति गम ११३ गमन
घुसिण १७८ घुसूण गमण १०९,
घोर° १३९ गरिट्ठ ३१ गरिष्ठा गरुभय ७७ गुरु (गु. गरb) गरुय १३९ गुरु
चय = त्यजे, चइवि २७ गल १७१ (गु. गहुँ)
चउ०४३ चतुर् गलत्थिय १५० क्षिप्त
चउकय १२५ चतुष्क गह-ग्रह गहिवि १५१, १९७
चउमाणी १५६ चतुर्गुणा (गु. चोगणी) 'गहिल्लिय १९६ [ग्रह+इल ] ग्रथिला (गु.चउदिसि १३९ चतुर्दिशः घेली)
चउवेइ ४३ चतुर्वेदिन् । गांढय १८९ गाढ (गु. गाढुं)
चकावट्ट १७७ चक्रावर्त गाह ८३ गाथा
| Vच = चर्च्, चञ्छति १३८, चश्चिय १७७ . गिजइ १५७/गी
चचंकिय १६८ [चर्चालित ] अर्चित गिंभ १३९ ग्रीष्म
|चच्चरि २१९ चर्चरी गिम्ह° १३०, २०४ ग्रीष्म (गु. धीम) चड्= आरुह्(गु. चड्दु, चढवू) चडइ गिर° २९ गिरा
१०६ (चटति); चडाइयइ ५२ V गिर-गृ, गिरंति २०२, गिरंत १५७
(चटाप्यते); चडि १४४; चडिय गीय १८० गीत
____१४४, चडी १५१ 'गुण १३७
चंचल° २६ (गु. चंचळ) गुण ९७ ज्या
चंद १२२ चंद्र (गु. चाँद, चाँदो) गुरु १६९ महत्
चंदण १३७ चंदन गुहिर १३९ [ <गभीर - गुहा] गभीर चंपएल १८७ चंपकतैल (गु. पैल) गेय १५७
चंबाय ५३ १ = उपानह [ <चर्मपाद ?] गोयंगण १४६ (१) गवां व्रजः
| चमकय ५०% उपानहश्चमचमशब्दः । गोयंगण १४६ गोपांगना
चमकरि १७१ [चमकरी] चमकारकागोआसण १६९ गवासन
रिणी 'गोवर १७८.(2) गोपुर
चरण २७ गोस ११३ [प्रभात ] दिवस
चलंति १०५ चलंती
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