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४९१] षट्त्रिंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
फासओ परिणया जे उ, अट्ठहा ते पकित्तिया । कक्खडा मउया चेव, गरुया लहुया तहा ॥१९॥
जो (पुद्गल) स्पर्श से परिणत होते हैं, वे आठ प्रकार के कहे गये हैं- ( 9 ) कर्कश - खुरदरा (२) मृदुमुलायम, कोमल, (३) गुरु-भारी, (४) लघु-हल्का - ॥१९॥
The matter changed or developed by the attribute of touch, said of eight kinds-(1) hard (2) soft (3) heavy (4) light - (19)
सीया उन्हाय निद्धा य, तहा लुक्खा व आहिया । इइ फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया ॥२०॥
(५) शीत-ठंडा (६) उष्ण-गर्म (७) स्निग्ध- चिकना (८) रूक्ष - कठोर, कड़ा इस प्रकार ये स्पर्श से परिणत पुद्गल सम्यक् रूप से कहे गये हैं ||२०||
(5) cold (6) hot (7) smooth and (8) rough-thus the molecules developed by touch are described well. (20)
संठाणपरिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया ।
परिमण्डला य वट्टा, तंसा चउरंसमायया ॥२१॥
संस्थान से परिणत जो पुद्गल होते हैं, वे पाँच प्रकार के कहे गये हैं- (१) परिमण्डल (चूड़ी की तरह गोल) (२) वृत्त - गेंद की तरह गोल (३) त्र्यंश - त्रिकोणाकार (४) चतुरस्र - चौकोर, चौकोन ( वर्गाकार) और (५) आयताकार || २१ ॥
The molecules of matter developed by form are fivefold - (1) circular (2) globular (round like ball) (3) triangular (4) square and ( 5 ) long, rectangular. ( 21 )
वण्णओ जे भवे किण्हे, भइए से उ गन्धओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥२२॥
कृष्ण (काले) वर्ण (रंग) वाला पुद्गल - गन्ध, रस, स्पर्श और संस्थान से भी भाज्य- अनेक विकल्पों (प्रकारों) वाला होता है ||२२||
The molecules of matter of black are divisible by smell, taste, touch and form, so it becomes of numberless types. (22)
वण्णओ जे भवे नीले, भइए से उ गन्धओ ।
रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥२३॥
नीले वर्ण का पुद्गल-गंध, रस, स्पर्श और संस्थान से भाज्य है। इस अपेक्षा से उसके अनेक विकल्प होते हैं ॥२३॥
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Blue colour matter is divisible by smell, taste, touch and form, so it becomes of several types. (23)
वण्णओ लोहिए जे उ, भइए से उ गन्धओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओ वि य ॥२४॥
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