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३१७] पंचविंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र ,
जैसे जल में उत्पन्न हुआ कमल जल से लिप्त नहीं होता, उसी प्रकार जो कामभोगों से अलिप्त रहता है, उसे हम ब्राह्मण कहते हैं ॥२७॥
As a lotus though blossoms in water yet not defiled by that, in the same way who is not defiled by sensual pleasures; we call him a Brahmana. (27) .
अलोलुयं मुहाजीवी, अणगारं अकिंचणं ।
असंसत्तं गिहत्थेसु, तं वयं बूम माहणं ॥२८॥ जो रस आदि में लोलुप नहीं है, स्वादविजयी है, मुधाजीवी-निर्दोष भिक्षा से जीवन-निर्वाह करता है, गृहत्यागी-अनगार है, अकिंचन है, गृहस्थों से अधिक परिचय नहीं रखता, उसे हम ब्राह्मण कहते हैं ॥२८॥
Who is not covetuous in tastes-overpowered them, accepts faultless alms, houseless mendicant, having nothing his own, not freely acquainted with householders; we call him a Brahmana. (28)
जहित्ता पुव्वसंजोगं, नाइसंगे य बन्धवे ।
जो न सज्जइ एएहिं, तं वयं बूम माहणं ॥२९॥ जो पूर्व संयोगों को, ज्ञातिजनों और बन्धुजनों को छोड़कर फिर उनमें आसक्त नहीं होता, उसे हम ब्राह्मण कहते हैं ॥२९॥
Renouncing previous relations, brethrens and caste-persons does not again desire them; we call such person a Brahmana. (29)
पसुबन्धा सव्ववेया, जठं च पावकम्मुणा ।
न तं तायन्ति दुस्सीलं, कम्माणि बलवन्ति ह ॥३०॥ पशुबन्ध (यज्ञ में आहुति देने के लिए पशुओं को बाँधना) के हेतु, सभी वेद और पापकर्मों से किये गये यज्ञ, उस दुःशील की रक्षा नहीं कर सकते-क्योंकि कर्म बलवान हैं ॥३०॥
The binding of beasts to the sacrifice pole, all the Vedas and the sinful sacrifices cannot protect that sinner because the karmas (sinful deeds) are more powerful. (30)
न वि मुण्डिएण समणो, न ओंकारेण बम्भणो ।
न मुणी रण्णवासेणं, कुसचीरेण न तावसो ॥३१॥ केवल सिर मुंडा लेने से कोई श्रमण नहीं होता, ॐ का जप करने से ब्राह्मण नहीं होता, वन में रहने से मुनि नहीं होता और कुश निर्मित चीवर (वस्त्र धारण करने मात्र से कोई तपस्वी नहीं हो जाता ॥३१॥
No one can become a sage (Sramaņa) by tonsure, nor a Brāhmaṇa by repeating the syallable 'Om', nor a monk residing in forest and nor a hermitage by wearing robes of kusagrass. (31)
समयाए समणो होइ, बम्भचेरेण बम्भणो ।
नाणेण य मुणी होइ, तवेण होइ तावसो ॥३२॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only
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