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३१३] पंचविंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
For breaking one month's fast penance houseless mendicant Jayaghoșa reached to that sacrifice place. (5)
समुवट्ठियं तहिं सन्तं, जायगो पडिसेहए ।
न हु दाहामि ते भिक्खं, भिक्खू ! जायाहि अन्नओ ॥६॥ (विजयघोष) आये हुए संत (जयघोष मुनि) को देखकर यज्ञकर्ता (विजयघोष) ने उसे निषेध किया और कहा-हे भिक्षु ! मैं तुम्हें भिक्षा नहीं दूंगा, तुम किसी अन्य स्थान पर जाकर याचना करो ॥६॥ __ (Vijayaghosa) Seeing the mendicant (sage Jayaghosa) the sacrificer (Vijayaghosa) gave a refusal and said-O mendicant ! I shall not give you alms, seek any other place. (6)
जे य वेयविऊ विप्पा, जन्नट्ठा य जे दिया ।
जोइसंगविऊ जे य, जे य धम्माण पारगा ॥७॥ जो वेदों के ज्ञाता विप्र हैं, यज्ञ करने वाले द्विज (ब्राह्मण) हैं, ज्योतिष के अंगों (वेदों में वर्णित ज्योतिषांग) के ज्ञाता हैं तथा जो धर्म (धर्मशास्त्रों) के पारगामी हैं-॥७॥
Those who are Brāhmaṇas well versed in Vedas, sacrifices, astronomy and religious scriptures-(7)
जे समत्था समुद्धत्तुं, परं अप्पाणमेव य ।
तेसिं अन्नमिणं देयं, भो भिक्खू ! सव्वकामियं ॥८॥ -जो स्वयं अपनी और दूसरों की आत्मा का उद्धार करने में समर्थ हैं। हे भिक्षु ! यह सभी रसों से युक्त (सर्वकामिक) भोजन (अन्न) उन्हीं को देना है ॥८॥
Who are capable to uplift their own and souls of others. O mendicant ! this food with all condiments reserved for them. (8)
सो एवं तत्थ पडिसिद्धो, जायगेण महामुणी ।
न वि रुट्ठो न वि तुट्ठो, उत्तमट्ठ-गवेसओ ॥९॥ इस प्रकार यज्ञकर्ता द्वारा प्रतिषेध-इन्कार किये जाने पर उत्तम अर्थ की खोज करने वाला महामुनि (जयघोष) न रुष्ट हुआ और न तुष्ट-प्रसन्न हुआ ॥९॥
Thus refused by the priest (sacrificer) the great sage neither become angry nor pleased, as he always strove for the ultimate good. (9)
नऽनळं पाणहेउं वा, न वि निव्वाहणाय वा ।
तेसिं विमोक्खणट्ठाए, इमं वयणमब्बवी ॥१०॥ मुनि ने इस प्रकार के वचन-न तो अन्न (भोजन) के लिए, न पान (जल) के लिए और न जीवन-निर्वाह के लिए अपितु उन (यज्ञकर्ताओं) की मुक्ति (विमोक्षण) के लिए कहे ॥१०॥ Neither for food nor for water, but to save them, sage said these words-(10)
न वि जाणासि वेयमुहं, न वि जन्नाण जं मुहं । नक्खत्ताण मुहं जंच, जं च धम्माण वा महं ॥११॥
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