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in सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
एकादश अध्ययन [१२०
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3 . विशेष स्पष्टीकरण गाथा २१-वासुदेव के शंख का नाम पाञ्चजन्य, चक्र का सुदर्शन और गदा का नाम कौमोदकी है। लोहे के दण्डविशेष को गदा कहते हैं। (बृ. बृ.)
गाथा २२-जिसके राज्य के उत्तर सीमान्त परिदिगन्त में हिमवान् पर्वत और शेष तीन दिगन्तों में समुद्र हो, वह "चातुरन्त" कहलाता है।
चक्रवर्ती के १४ रत्न इस प्रकार हैं-(9) सेनापति (२) गाथापति (३) पुरोहित (४) गज, (५) अश्व (६) मनचाहा भवन का निर्माण करने वाला बर्द्धकि अर्थात् बढ़ई (७) स्त्री (८) चक्र (९) छत्र (१०) चर्म (११) मणि (१२) जिससे पर्वत शिलाओं पर लेख या मण्डल अंकित किये जाते हैं, वह काकिणी (१३) खड्ग और (१४) दण्ड। (बृ. घृ.) (चित्र देखें)
गाथा २३-इन्द्र के सहस्राक्ष और पुरन्दर नाम वैदिक पुराणों के कथानकों पर आधारित हैं। इन्द्र के पाँच सौ देव मन्त्री होते हैं। राजा मन्त्री की आँखों से देखता है, अर्थात् उनकी दृष्टि से अपनी नीति निर्धारित करता है, इसलिये इन्द्र सहस्राक्ष है। दूसरा अर्थ है जितना हजार आँखों से दीखता है, इन्द्र उससे अधिक अपनी दो आँखों से देख लेता है, इसलिये वह सहस्राक्ष है। "जं सहस्सेण अक्खाणं दीसति, तं सो दोहि अक्खीहिं अमहियतरांग पेच्छति"-चूर्णि।
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Gathā 21-The names of Vasudeva's weapons are-the conch-shell (शंख) is called as Pancajanya (पांचजन्य), the discus or wheel weapon (चक्र) is Sudarsana (सुदर्शन) and club (गदा) weapon is Kaumodaki (कौमोदकी). Club is a weapon-an iron rod. (V.V.)
Gatha 22-The Himavāna mountain ascertains the north direction of whose sujreignty the remaining three directions-east, west, south are determined by sea or ocean that is called Caturanta. ____ The 14 jewels (or utmost important possessions) of a world-sovereign (really the ruler of six regions of Bharata) are
(1) Chief of army (commander-in-chief) (2) Gāthāpati (3) Priest (4) Elephant (5) Horse (6) Carpenter who can make the hosue as wished (7) Woman-chief queen (8) discus or wheel weapon (9) umbrella (छत्र) (10) charma (चर्म) (11) Kakini-by this the scripts on mountain-rocks and circles are embossed or scorched (12) jewel (मणि) (13) sword and (14) rod (V.V.) See illustration.
Gathā 23-The two names of king of gods-thousand-eyed and destroyer of fortresses are based on vaidic purāņas. King of gods has five hundred ministers. The king sees by the eyes of ministers, meaning, he frames his policy, so king of gods is called thousand-eyed.
The other interpretation-As much can be viewed by thousand eyes, the king of gods can see much more than it by his two eyes, hence he is thousand-eyed, Jaṁ sahassena akkhānam disati, tam so dohi akkhihim abbhahiyatarang pecchati. (Cürni)
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