________________
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
इइ एस धम्मे अक्खाए, कविलेणं च विसुद्धपन्नेणं । तरिहिन्ति जे उ काहिन्ति, तेहिं आराहिया दुवे लोग ॥२०॥
-त्ति बेमि ।
विशुद्ध प्रज्ञा के धारक कपिल मुनि ने यही धर्म कहा है। इस धर्म का आचरण करने वाले संसार सागर को पार करेंगे, उनके दोनों लोक सफल हो जायेंगे ॥२०॥ - ऐसा मैं कहता हूँ ।
This religion-code of ascetic conduct is taught by Kapila whose wisdom was pure. Those who follow it will cross the worldly ocean, and their both abodes will be successful. -Such I speak
Jain Educa on International
विशेष स्पष्टीकरण
गाथा १५ - स्थानांग सूत्र में बोधि के तीन प्रकार बताये हैंज्ञानबोधि, दर्शनबोधि और चारित्र बोधि ।
अष्टम अध्ययन [ ८४
Salient Elucidations
Gāthā 15 - In Sthānānga sūtra three types of enlightenment (बोधि ) has been described - (1) Knowledge enlightenment, (2) Faith-enlightenment and (3) Conduct enlightenment.
卐
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org