SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रुत-सेवा में विशिष्ट सहयोग श्री सुभाषचन्द जैन (पानीपत) श्री सुभाषचन्द जैन (विवेक विहार, दिल्ली) श्री सुभाषचन्द जैन (विवेक विहार, दिल्ली) आप बड़े ही उत्साही और दिलदार व्यक्ति हैं। समाज सेवा के | कार्यों में सदा आगे रहते हैं। पूज्य गुरुदेव श्री के परमभक्त हैं। शास्त्र- प्रकाशन में विशेष सहयोग प्रदान किया है। श्री सुभाषचन्द जैन (पानीपत) सुपुत्र-श्री हरिचन्द जैन, हुड्डा कालोनी, पानीपत। आप उदार हृदय वाले परम गुरुभक्त सज्जन हैं। शास्त्र प्रकाशन कार्य में दिल खोलकर सहयोग दिया है। श्री रमेशचन्द जैन, सुपुत्र श्री रामेश्वरदासजी जैन मुआना वाले, (वर्तमान-पीतमपुरा, दिल्ली) आप बड़े ही सेवाभावी उदार हृदय सज्जन हैं। पूज्य प्रवर्तक श्री के प्रति आपकी तथा समस्त परिवार की अगाध श्रद्धा है। शास्त्र प्रकाशन कार्य में आप विशिष्ट सहयोगी हैं। श्री अशोक जैन (गांधीनगर, दिल्ली) आप जय चन्द्रा ड्रेसेज के मालिक हैं। पूज्य गुरुदेव के प्रति आपकी अगाध श्रद्धा भक्ति है। आप पूज्य महासती श्री मोहनमाला जी म. के परमभक्त हैं। शास्त्र प्रकाशन में विशेष सहयोग प्रदान किया है। श्री रमेशचन्द जैन (पीतमपुरा, दिल्ली) श्री अशोक जैन (गांधीनगर, दिल्ली) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002912
Book TitleAgam 30 Mool 03 Uttaradhyayana Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherAtmagyan Pith
Publication Year
Total Pages652
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_uttaradhyayan
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy