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त सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
सप्तम अध्ययन [७०
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हिंसक, अज्ञानी, असत्यवादी, बटमार, दूसरों द्वारा दी गई वस्तु को बीच में ही हरण करने वाला, चोर, मायावी, मैं किसका हरण करूँ-इन्हीं विचारों में लगा रहने वाला, धूर्त-॥५॥ ___ The killers, non-discretioners of good and bad, liars, robbers, dacoits on highways, thieves, pick-pockets, thinking always of plundering anyone, deceitful-(5)
इत्थीविसय गिद्धे य, महारंभ-परिग्गहे ।
भुंजमाणे सुरं मंसं, परिवूढे परंदमे ॥६॥ स्त्री तथा अन्य विषयों में गृद्ध, महारम्भी, महापरिग्रही, मद्य-मांस का सेवन करने वाला, बलशाली, दूसरों को त्रस्त करने वाला-॥६॥
Infatuated to opposite sex (women), great sinners and possessors of huge properties, accumulaters of heap of wealth, with strong desire of being billionaire, addicted to liquor and flesh, with stout frame and tormentors-(6)
अयकक्कर-भोई य, तुंदिल्ले चियलोहिए ।
आउयं नरए कंखे, जहाएसं व एलए ॥७॥ कर-कर शब्द करता हुआ अभक्ष्यभोजी, बड़ी तोंद वाला, तथा अधिक रक्तवाला उसी प्रकार नरकायु की आकांक्षा करता है, जिस प्रकार मेमना अतिथि की प्रतीक्षा करता है ॥७॥
Eaters of crisp roasted meat with crack-rejoicing, round belleyed and shooting the blood in their veins-such sinners awaits the hell-birth like the lamb who awaits a guest. (7)
आसणं सयणं जाणं, वित्तं कामे य भुजिया ।
दुस्साहडं धणं हिच्चा, बहुं संचिणिया रयं ॥८॥ आसन, शैया, वाहन, धन तथा अन्य कामभोगों का उपभोग कर, घोर परिश्रम तथा दूसरों को दुःखी करके संचित किये हुए धन को छोड़कर अत्यधिक कर्म-रज को संचित कर-८॥
Taking pleasures of luxurious seats, beds, cushions, vehicles and great riches; for accumulating all these they have toiled much and tormented others, leaving all these and becoming heavy by amassed karma-dirt-(8)
तओ कम्मगुरु जन्तू, पच्चुप्पन्नपरायणे ।
अय व्व आगयाएसे, मरणन्तमि सोयई ॥९॥ कर्मों से भारी हुआ, केवल वर्तमानपरायण जीव मरण के समय उसी प्रकार शोक करता है, जिस प्रकार अतिथि के आने पर मेमना करता है ॥९॥
Under the huge burden of sinful karmas, believer of the visible world, indulged in present times only, having no far-sight of past and future, such soul grieves at the hour of death as the lamb laments at the arrival of a guest. (9)
तओ आउपरिक्खीणे, चुया देहा विहिंसगा । आसुरियं दिसं बाला, गच्छन्ति अवसा तमं ॥१०॥
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