SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 619
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ) 8555555555555555555555555555555555555555555555555 0555555555555 55 5 15 15 155 55 5 555.5 55 5 15 15 15 5.5 55 55 55555550 * होता है। उपसंहार-कार्तिक पूर्णिमा के साथ कुल का एवं उपकुल का योग होता है। यों वह कुल + योगयुक्त तथा उपकुल योगयुक्त होती है। [प्र. ९ ] भगवन् ! मार्गशीर्षी पूर्णिमा के साथ क्या कुल का योग होता है ? उपकुल का योग होता फ़ है? कुलोपकुल का योग होता है ? _ [उ. ] गौतम ! दो का-कुल का एवं उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का योग नहीं होता। कुल ऊ योग के अन्तर्गत मृगशिर नक्षत्र का योग होता है, उपकुल योग के अन्तर्गत रोहिणी नक्षत्र का योग होता है। मार्गशीर्षी पूर्णिमा के सम्बन्ध में आगे वक्तव्यता पूर्वानुरूप है। आषाढी पूर्णिमा तक का वर्णन वैसा ही है। इतना अन्तर है-पौषी तथा ज्येष्ठामूली पूर्णिमा के साथ कुल, उपकुल तथा कुलोपकुल का योग होता है। बाकी की पूर्णिमाओं के साथ कुल एवं उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का योग नहीं होता। [प्र. १० ] भगवन् ! श्रावणी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है? [उ. ] गौतम ! श्रावणी अमावस्या के साथ अश्लेषा तथा मघा-इन दो नक्षत्रों का योग होता है। [प्र. ११ ] भगवन् ! भाद्रपदी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है ? [उ. ] गौतम ! भाद्रपदी अमावस्या के साथ पूर्वाफाल्गुनी तथा उत्तराफाल्गुनी-इन दो नक्षत्रों का योग होता है। भगवन् ! आसोजी अमावस्या के साथ कितने नक्षत्रों का योग होता है? गौतम ! आसोजी अमावस्या के साथ हस्त एवं चित्रा-इन दो नक्षत्रों का, कार्तिकी अमावस्या के साथ स्वाति एवं विशाखा-दो नक्षत्रों का, मार्गशीर्षी अमावस्या के साथ अनुराधा, ज्येष्ठा तथा मूल-इन तीन नक्षत्रों का, पौषी अमावस्या के साथ पूर्वाषाढा तथा उत्तराषाढा-इन दो नक्षत्रों का, माघी अमावस्या के साथ अभिजित्, श्रवण और धनिष्ठा-इन तीन नक्षत्रों का, फाल्गुनी अमावस्या के साथ शतभिषक्, पूर्वभाद्रपदा फ़ एवं उत्तरभाद्रपदा-इन तीन नक्षत्रों का, चैत्री अमावस्या के साथ रेवती और अश्विनी-इन दो नक्षत्रों का, वैशाखी अमावस्या के साथ भरणी और कृत्तिका-इन दो नक्षत्रों का, ज्येष्ठामूला अमावस्या के साथ रोहिणी एवं मृगशिर-इन दो नक्षत्रों का और आषाढी अमावस्या के साथ आर्द्रा, पुनर्वसु तथा पुष्य-इन 5 तीन नक्षत्रों का योग होता है। [प्र. १२ ] भगवन् ! श्रावणी अमावस्या के साथ क्या कुल का योग होता है? क्या उपकुल का योग + होता है ? क्या कुलोपकुल का योग होता है ? [उ. ] गौतम ! श्रावणी अमावस्या के साथ कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का योग नहीं होता। कुल योग के अन्तर्गत मघा नक्षत्र का योग होता है, उपकुल योग के __ अन्तर्गत अश्लेषा नक्षत्र का योग होता है। ___उपसंहार रूप में विवक्षित है-श्रावणी अमावस्या के साथ कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है। यों वह कुल योगयुक्त एवं उपकुल योगयुक्त होती है। ____ [प्र. १३ ] भगवन् ! क्या भाद्रपदी अमावस्या के साथ कुल, उपकुल और कुलोपकुल का योग भ होता है? 55555;))))))))))))))))))))))))))))))))) 5 5 सप्तम वक्षस्कार (553) Seventh Chapter w555555555555555 听听听听听听F$听听听听听听听听听听听听听 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy