________________
55555555555555555555555555555555555
)
)
)
))
))
)
855555555555555555555555))))
[उ. ] गौतम ! भाद्रपदी अमावस्या के साथ कुल एवं उपकुल-इन दो का योग होता है। कुल योग के के अन्तर्गत उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का योग होता है। उपकुल योग के अन्तर्गत पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का योग होता है। (उपसंहार-रूप में विवक्षित है-भाद्रपदी अमावस्या के साथ कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है। यों वह कुल योगयुक्त होती है, उपकुल योगयुक्त होती है।)
[१४] मार्गशीर्षी अमावस्या के साथ कुल योग के अन्तर्गत मूल नक्षत्र का योग होता है, उपकुल ॐ योग के अन्तर्गत ज्येष्ठ नक्षत्र का योग होता है तथा कुलोपकुल योग के अन्तर्गत अनुराधा नक्षत्र का योग 卐 होता है। आगे की वक्तव्यता पूर्वानुरूप है। माघी, फाल्गुनी तथा आषाढी अमावस्या के साथ कुल, 5 उपकुल एवं कुलोपकुल का योग होता है, बाकी की अमावस्याओं के साथ कुल एवं उपकुल का योग 卐 होता है।
[प्र. १५] भगवन् ! क्या जब श्रवण नक्षत्र से युक्त पूर्णिमा होती है, तब क्या तत्पूर्ववर्तिनी ॐ अमावस्या मघा नक्षत्रयुक्त होती है? भगवन् ! जब पूर्णिमा मघा नक्षत्रयुक्त होती है तब क्या तत्पश्चाद्भाविनी अमावस्या श्रवण नक्षत्रयुक्त होती है ?
[उ. ] गौतम ! ऐसा ही होता है। जब पूर्णिमा श्रवण नक्षत्रयुक्त होती है तो उससे पूर्व अमावस्या म मघा नक्षत्रयुक्त होती है। जब पूर्णिमा मघा नक्षत्रयुक्त होती है तो उसके पश्चात् आने वाली अमावस्या श्रवण नक्षत्रयुक्त होती है।
[प्र. १६] भगवन् ! जब पूर्णिमा उत्तरभाद्रपदा नक्षत्रयुक्त होती है, तब क्या तत्पश्चाद्भाविनी अमावस्या उत्तरफाल्गुनी नक्षत्रयुक्त होती है ? जब पूर्णिमा उत्तरफाल्गुनी नक्षत्रयुक्त होती है, तब क्या ॐ अमावस्या उत्तरभाद्रपदा नक्षत्रयुक्त होती है ?
[उ.] हाँ, गौतम ! ऐसा ही होता है। इस अभिलाप-कथन-पद्धति के अनुरूप पूर्णिमाओं तथा * अमावस्याओं की संगति निम्नांकित रूप में जाननी चाहिए
___ जब पूर्णिमा अश्विनी नक्षत्रयुक्त होती है, तब पश्चाद्वर्तिनी अमावस्या चित्रा नक्षत्रयुक्त होती है। जब पूर्णिमा चित्रा नक्षत्रयुक्त होती है, तो अमावस्या अश्विनी नक्षत्रयुक्त होती है। जब पूर्णिमा कृत्तिका नक्षत्रयक्त होती है. तब अमावस्या विशाखा नक्षत्रयक्त होती है। जब पर्णिमा विशाखा नक्षत्रयक्त होती है. तब अमावस्या कृत्तिका नक्षत्रयुक्त होती है। जब पर्णिमा मगशिर नक्षत्रयक्त होती है, तब अमावस्या
ज्येष्ठामूल नक्षत्रयुक्त होती है। जब पूर्णिमा ज्येष्ठामूल नक्षत्रयुक्त होती है, तो अमावस्या मृगशिर नक्षत्रयुक्त 卐 होती है। जब पूर्णिमा पुष्य नक्षत्रयुक्त होती है, तब अमावस्या पूर्वाषाढा नक्षत्रयुक्त होती है। जब पूर्णिमा पूर्वाषाढा नक्षत्रयुक्त होती है, तो अमावस्या पुष्य नक्षत्रयुक्त होती है।
194. (Q.) Reverend Sir ! How many are families (Kuls), sub-families (Upakuls) and families in family (Kulopakul)? ___[Ans.] Gautam ! There are twelve Kuls, twelves Upakuls and four Kulopakuls.
(a) The Twelve Kuls (Families) are-(1) Dhanishtha Kul, (2) Uttarbhadrapada Kul, (3) Ashwini Kul, (4) Kritika Kul, (5) Mrigashir
9 555555555554)))))))))
ध
म
जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
(554)
Jambudveep Prajnapti Sutra
步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步
ज
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org