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________________ 855555555555555555555555555555555 [उ. ] गौतम ! आश्विन पूर्णिमा के साथ रेवती तथा अश्विनी-इन दो नक्षत्रों का योग होता है। के कार्तिक पूर्णिमा के साथ भरणी तथा कृत्तिका-इन दो नक्षत्रों का, मार्गशीर्षी पूर्णिमा के साथ रोहिणी ! तथा मृगशिर-दो नक्षत्रों का, पौषी पूर्णिमा के साथ आर्द्रा, पुनर्वसु तथा पुष्य-इन तीन नक्षत्रों का, माघी , ॐ पूर्णिमा के साथ अश्लेषा और मघा-दो नक्षत्रों का, फाल्गुनी पूर्णिमा के साथ पूर्वाफाल्गुनी तथा । + उत्तराफाल्गुनी-दो नक्षत्रों का, चैत्री पूर्णिमा के साथ हस्त एवं चित्र-दो नक्षत्रों का, वैशाखी पूर्णिमा के साथ स्वाति और विशाखा-दो नक्षत्रों का, ज्येष्ठामूली पूर्णिमा के साथ अनुराधा, ज्येष्ठा एवं मूल-इन 卐 तीन नक्षत्रों का तथा आषाढी पूर्णिमा के साथ पूर्वाषाढा और उत्तराषाढा-दो नक्षत्रों का योग होता है। [प्र. ५ ] भगवन् ! श्रावणी पूर्णिमा के साथ क्या कुल का-कुलसंज्ञक नक्षत्रों का योग होता है ? क्या म उपकुलसंज्ञक नक्षत्रों का योग होता है ? क्या कुलोपकुलसंज्ञक नक्षत्रों का योग होता है ? 4 [उ. ] गौतम ! कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है और कुलोपकुल का योग होता है। ॐ कुल योग के अन्तर्गत धनिष्ठा नक्षत्र का योग होता है, उपकुल योग के अन्तर्गत श्रवण नक्षत्र का योग होता है तथा कुलोपकुल योग के अन्तर्गत अभिजित् नक्षत्र का योग होता है। उपसंहार-रूप में विवक्षित है-श्रावणी पूर्णमासी के साथ कुल, (उपकुल) तथा कुलोपकुल का योग होता है यों श्रावणी पूर्णमासी + कुल योगयुक्त, उपकुल योगयुक्त तथा कुलोपकुल योगयुक्त होती है। 3 [प्र. ६ ] भगवन् ! भाद्रपदी पूर्णिमा के साथ क्या कुल का योग होता है? क्या उपकुल का योग + होता है? क्या कुलोपकुल का योग होता है? [उ. ] गौतम ! कुल, उपकुल तथा कुलोपकुल-तीनों का योग होता है। उपसंहार रूप में विवक्षित है-भाद्रपदी पूर्णिमा के साथ कुल का योग होता है। (उपकुल का योग, । होता है), कुलोपकुल का योग होता है। यों भाद्रपदी पूर्णिमा कुल योगयुक्त, उपकुल योगयुक्त तथा कुलोपकुल योगयुक्त होती है। __ [प्र. ७ ] भगवन् ! आश्विन पूर्णिमा के साथ क्या कुल का योग होता है ? उपकुल का योग होता है ? कुलोपकुल का योग होता है ? . [उ. ] गौतम ! कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का योग नहीं होता। कुल योग के अन्तर्गत अश्विनी नक्षत्र का योग होता है, उपकुल योग के अन्तर्गत रेवती नक्षत्र का योग 卐 होता है। उपसंहार रूप में विवक्षित है-आश्विन पूर्णिमा के साथ कुल का योग होता है, उपकुल का योग ॐ होता है। यों आसोजी पूर्णिमा कुल योगयुक्त, उपकुल योगयुक्त होती है। [ [प्र. ८ ] भगवन् ! कार्तिकी पूर्णिमा के साथ क्या कुल का योग होता है ? उपकुल का योग होता ॐ है ? कुलोपकुल का योग होता है? म [उ. ] गौतम ! कुल का योग होता है, उपकुल का योग होता है, कुलोपकुल का योग नहीं होता। ॐ कुल योग के अन्तर्गत कृत्तिका नक्षत्र का योग होता है, उपकुल योग के अन्तर्गत भरणी नक्षत्र का योग 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听的 | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (552) Jambudveep Prajnapti Sutra Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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