________________
$ 95 95 95 95 95 959595959595 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 9
@55555555555556
卐
फ
चित्र परिचय २
भरत क्षेत्र तथा वैताढ्य पर्वत
जम्बूद्वीप में मेरु पर्वत के दक्षिण में चुल्लहिमवंत वर्षधर पर्वत है। पूर्व पश्चिम-दक्षिण तीनों तरफ
से तथा उत्तर में चुल्लहिमवंत पर्वत से घिरा बीच का यह अर्ध चन्द्राकार भाग भरत क्षेत्र है इसका विस्तार (इषु) ५२६ योजन लगभग तथा पूर्व-पश्चिम में इसकी जीवा ९७४८ योजन लगभग है।
चुल्लहिमवंत पर्वत तथा लवणसमुद्र के बीच दीर्घ वैताढ्य आ जाने से इसके दो भाग हो गये पद्मद्रह से निकली सिंधु व गंगा महानदी के कारण इसके छह खण्ड हो गये हैं। सिंधु व गंगा के पास वैताढ्य पर्वत के उत्तर में, पूर्व-पश्चिम में दो विशाल गुफाएँ हैं- (१) खण्डप्रपाता गुफा, तथा (२) तमिस्र गुफा वैताढ्य पर्वत से उत्तर में चुल्लहिमवंत पर्वत की तलहटी में 'ऋषभकूट' नाम का एक रमणीय लघु पर्वत है।
दक्षिण भरत के खण्ड १ में लवणसमुद्र की तरफ समुद्र और द्वीप को जोड़ने वाला विजयंतद्वार है। लवण
व जम्बूद्वीप के बीच एक विशाल दीवार (जगती) है। जो नीचे मूल में १२ योजन चौड़ी, ८ योजन ऊँची है और ऊपर
I
४ योजन चौड़ी है जगती की दीवार के बीच-बीच में सुरम्य गवाक्ष बने हुए हैं। विजयंतद्वार के निकट तीन शाश्वत तीर्थ हैं प्रभास, वरदाम तथा मागध तीर्थ
-
लवणसमुद्र
अभियोगिक (लोकपाल) देवों के आवास हैं तीसरी मेखला पर नौ कूट हैं।
T
वैताढ्य पर्वत ऊपर रुचक = गले में पहनने के आभूषण के आकार का है। इसकी तीन मेखला (स्टेप)
नीचे से 10 योजन ऊपर पहली मेखला के उत्तर-दक्षिण में विद्याधरों के ११० नगर (श्रेणी) हैं। दूसरी मेखला पर
समुद्र
- वक्षस्कार १, सूत्र ४ से २३ तक BHARAT AREA AND VAITADHYA MOUNTAIN
In Jambudveep, to the south of Meru mountain, there is Varshadhar mountain called Chullahimavant. This half moon shaped area surrounded on three sides by Lavan Samudra and on one side by Chullahimavant mountain is Bharat area. Its expanse (Ishu) is 526 Yojan and transverse or east-west span is about 9748 Yojans.
This area in between Chullahimavant mountain and Lavan Samudra is bisected by Deergh Vaitadhya mountain. It is further divided into six sections by Sindhu and Ganga rivers coming out of Padmadraha lake. Near the Sindhu and Ganga rivers and to the north of Vaitadhya mountain are two huge caves in the east and west - ( 1 ) Khandaprapat cave and (2) Tamisra cave. To the north of Vaitadhya and in the valley of Chullahimavant there is a beautiful hill called Rishabh-koot.
हैं।
In the first section of Bharat area there is Vijayant gate where the edge of the land mass joins Lavan Samudra. Separating Lavan Samudra and Jambudveep there is an eight Yojan high boundary wall (Jagati). It is twelve Yojan thick at the base and four Yojan at the top. Large and beautiful windows break the monotony of this wall.
Near Vijayant door are located three eternal pilgrimages - Prabhaas, Varadaam and Maagadh.
Jain Education International
Near the top Vaitadhya mountain is shaped like Ruchak (a half moon shaped collar-like necklace). It has three steps. To the north and south of the first step, at a height of 10 Yojans, there are 110 rows of cities of Vidyadhars (a class of divine beings). On the second step there are abodes of Abhiyogik gods (the guardians of directions). On the third step there are nine peaks.
For Private & Personal Use Only
- Vakshaskar 1, Sutra- 4-23
$ 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 95 9
45
फ्र
फ्र
卐
卐
卐
®फ़फ़फ़फफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ़50
फ्र
www.jainelibrary.org