SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 53
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ एक लाख योजन लम्बा चौड़ा जम्बू द्वीप तथा उसकी प्राचीर (जगती) जम्बू द्वीप की जगती (कोट) अपराजीत द्वार जगती में बने गवाक्ष कर चौड़ा जयंत जंबुद्धीप lob2 १ लाख योजन वेजयंत द्वार -10122312 ८चौड़ाई जगती ९७४८९ लंबाई जगती की रचना जगती मूल में १२ यो. लवण समुद रुचक आकार में वैताढ्य पर्वत O खड ३ रोहितांश नदी खड२ जगती उत्तर ३ मेखला१०. सिंधु नदी वैताढ्य पर्वत दक्षिण विजयतद्वार षट्खंड भरत क्षेत्र अ.दे.श्रेणी २ मेखला तीर्थ प्रभास खड१ वरदाम तीर्थ Awebअयोध्या मागध तीर्थ १०आ. देव श्रेणी FEMAN पर्वत ऋषभकूट पद्मद्रह १० १ मेखला विद्याधर श्रेणी -१० ऊँचाई 3 billil भरत TISDA खड६ वैताढ्य पर्वत चुल्ल हिमवंत पर्वत लवण समुद्र खंड५ वैताढ्य पर्वत पर उत्तर दक्षिण की विद्याधर श्रेणियाँ ..... विद्याधरों की.उत्तर श्रेणी ... ...... ६० बड़े नगर ..... अभियोगीक देवों की उ. श्रेणी -१०७२० - वैताढ्य के ९ कूट-शिर सिंधु मर्दी तमिस्र गुफा खंड प्रपात गुफा गंगा नदी अभियोगीक देवों की द. श्रेणी ४. विद्याधरों की दक्षिण श्रेणी..........................५० बड़े नगर ....... गोलाई में होने से दक्षिण दिशा में उत्तर दिशा से लम्बाई कुछ कम है इसलिए दक्षिण में ५० विद्याधर नगर हैं, उत्तर में ६० हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy