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________________ ३३५ ३४२ ३४२ ३४३ ३४४ ३४५ AJAN AM २४० २७८ 20 20 355555555554)))))))))))))))))))))495555555 ॐ चतुर्दश रत्न : नव निधि उत्पत्ति-स्थान २४७ चित्रकूट वक्षस्कार पर्वत __ भरत का राज्य-वैभव २४८ (२) सुकच्छ विजय आदर्श गृह में केवलज्ञान २५० (३) महाकच्छ विजय अष्टापद गमन २५१ पद्मकूट वक्षस्कार पर्वत भरत क्षेत्र : नामाख्यान २५५ (४) कच्छकावती (कच्छावती) विजय (५) आवर्त विजय चतुर्थ वक्षस्कार २५६-३९२ नलिनकूट वक्षस्कार पर्वत उपोद्घात २५६ (६) मंगलावर्त विजय चुल्ल हिमवान् पर्वत २५६ (७) पुष्कलावर्त विजय पद्मद्रह वर्णन २५८ एकशैल वक्षस्कार पर्वत + गंगा, सिन्धु, रोहितांशा नदियाँ २६३ (८) पुष्कलावती विजय चुल्ल हिमवान् पर्वत के ग्यारह कूट २७१ उत्तरी शीतामुख वन 卐 हैमवत वर्ष २७६ दक्षिणी शीतामुखवन शब्दापाती वृत्त वैताठ्य पर्वत वत्स आदि विजय हैमवतवर्ष नामकरण का कारण २७९ सौमनस वक्षस्कार पर्वत ॐ महाहिमवान् वर्षधर पर्वत २८० देवकुरु महापद्मद्रह २८२ चित्र-विचित्र कूट पर्वत महाहिमवान् वर्षधर पर्वत के कूट निषध द्रह हरिवर्ष क्षेत्र २८८ कूटशाल्मलीपीठ निषध वर्षधर पर्वत २९० विद्युत्प्रभ वक्षस्कार पर्वत महाविदेह क्षेत्र का वर्णन २९७ पक्ष्मादि १६ विजय गन्धमादन वक्षस्कार पर्वत २९९ मन्दर पर्वत उत्तरकुरु ३०३ भद्रसाल आदि वन यमक पर्वत ३०४ दिशाहस्तिकूट पर्वत नीलवान् द्रह ३१५ (२) नन्दन वन जम्बूपीठ, जम्बूसुदर्शना (वृक्ष) ३१६ (३) सौमनस वन ॐ माल्यवान् वक्षस्कार पर्वत ३२४ (४) पण्डक वन हरिस्सह कूट अभिषेक शिलाएँ # कच्छ विजय ३२८ मन्दर पर्वत के काण्ड (१) उत्तरार्ध कच्छ विजय ३३२ मन्दर के १६ नाम ३ a$$$$$$$$$$ $555555555555555555555555555555 $ $$$$$$ $ ३५३ २८७ ३५४ ३५५ ३५६ سه 3 له १ 2 ليه ur ३६६ Aal ३७४ ३२६ ३७७ ३८० (20) B))))))))))))))))))))))))))) ) ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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