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________________ ५०९ नीलवान् वर्षधर पर्व ३८३ सूर्य-मण्डल-संख्या आदि ४६८ रम्यक् वर्ष ३८६ मेरु से सूर्य-मण्डल का अन्तर ४७० रुक्मी वर्षधर पर्वत ३८७ सूर्य-मण्डल का आयाम-विस्तार आदि ४७४ हैरण्यवत् वर्ष ३८९ मुहूर्त-गति ४७८ शिखरी वर्षधर पर्वत ३९१ दिन-रात्रि-मान ४८३ ऐरावत वर्ष ३९३ ताप-क्षेत्र ४८७ सूर्य-परिदर्शन ४९२ पंचम वक्षस्कार ३९४-४४८ क्षेत्रगमन ४९४ अधोलोकवासिनी दिक्कुमारिकाओं द्वारा उत्सव ३९४ । ऊर्ध्वादि ताप ४९५ ऊर्ध्वलोकवासिनी दिक्कुमारिकाओं द्वारा उत्सव ३९९ उत्पत्ति स्थान ४९६ रुचकवासिनी दिक्कुमारिकाओं द्वारा उत्सव ४०० इन्द्रच्यवन : अन्तरिम व्यवस्था ४९८ शक्रेन्द्र द्वारा अरिहंत-स्तवंना ४०७ चन्द्र-मण्डल : संख्या : अबाधा आदि ५०० जन्मोत्सव की तैयारी ४१३ चन्द्र-मण्डलों का विस्तार ५०५ पालकदेव द्वारा विमानविकुर्वणा ४१८ चन्द्रमुहूर्तगति शक्रेन्द्र का उत्सवार्थ प्रयाण ४२१ नक्षत्र-मण्डलादि ५१२ ईशान प्रभृति इन्द्रों का आगमन ४२६ सूर्य-चन्द्र उद्गम ५१७ चमरेन्द्र आदि का आगमन ४२९ संवत्सर-भेद अभिषेक-द्रव्य : उपस्थापन ४३२ मास, पक्ष आदि ५२४ अच्युतेन्द्र द्वारा अभिषेक ४३५ करणाधिकार ५२९ अभिषेक उपक्रम संवत्सर, अयन, ऋतु आदि ५३३ अभिषेक -समापन ४४४ नक्षत्र नक्षत्रयोग षष्ठ वक्षस्कार ४४९-४६६ नक्षत्र देवता ५३८ उपोद्घात ४४९ नक्षत्र-तारे ५३९ स्पर्श एवं जीवोत्पाद नक्षत्रों के गोत्र एवं संस्थान ५४० जम्बूद्वीप के खण्ड, योजन, नदियाँ आदि ४५० नक्षत्र-चन्द्र-सूर्य योग काल ५४६ कुल-उपकुल-कुलोपकुल : पूर्णिमा, अमावस्या ५४८ सप्तम वक्षस्कार ४६७-६०४ मास-समापक नक्षत्र ५५९ उपोद्घात. ४६७ अणुत्वादि-परिवार ५७१ चन्द्र-सूर्यादि संख्या ४६७ गति-क्रम ५७४ ५१९ ४३९ ५३४ ५३६ ४४९ (21) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002911
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2006
Total Pages684
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_jambudwipapragnapti
File Size21 MB
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