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बुलाया। उसे बुलाकर कहा - 'देवानुप्रिय ! उन्मग्नजला तथा निमग्नजला महानदियों पर उत्तम पुलों का
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निर्माण करो, जो सैकड़ों खंभों पर भलीभाँति टिके हों, अचल हों, सुदृढ़ हों, कवच की ज्यों अभेद्य हों। 5 टूटने वाले न हों, जिनके ऊपर दोनों ओर दीवारें बनी हों, जिससे उन पर चलने वाले लोगों को चलने में आलम्बन रहे, जो सर्वथा रत्नमय हों। मेरे आदेशानुरूप यह कार्य सम्पन्न कर मुझे शीघ्र सूचित करो।'
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5 यावत् सर्वथा रत्नमय थे। ऐसे पुलों की रचना कर वह शिल्पकार जहाँ राजा भरत थे, वहाँ उनके पास आया । वहाँ आकर राजा को अवगत कराया कि उनके आदेशानुरूप पुल निर्माण हो गया है।
तत्पश्चात् अनेक नरेशों के साथ राजा भरत चक्ररल द्वारा दिखाये जाते मार्ग के सहारे आगे बढ़ता हुआ उच्च स्वर से (समुद्र के गर्जन की ज्यों) सिंहनाद करता हुआ सिन्धु महानदी के पूर्वी तट पर उन्मग्नजला महानदी के निकट आया । वहाँ आकर उसने अपने वर्द्धकिरन को - ( श्रेष्ठ शिल्पी को )
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[Q] Reverend Sir! Why are these rivers called Unmagnajala and 5 Nimagnajala ?
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राजा भरत द्वारा आदेश दिये जाने पर वह शिल्पकार हर्षित, परितुष्ट एवं आनन्दित हुआ। उसने विनयपूर्वक राजा का आदेश स्वीकार किया । राजाज्ञा स्वीकार कर उसने शीघ्र ही उन्मग्नजला तथा 5 निमग्नजला नामक नदियों पर उत्तम पुलों का निर्माण कर दिया, जो सैकड़ों खंभों पर भलीभाँति टिके थे
71. In the very middle of Tamisra cave two great rivers Unmagnajala and Nimagnajala are flowing. They start from the eastern wall (BhittiPradesh) of Tamisra cave and later join Sindhu river in the west.
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तत्पश्चात् राजा भरत अपनी समग्र सेना के साथ उन पुलों द्वारा, जो सैकड़ों खंभों पर भलीभाँति 55 टिके थे यावत् सर्वथा रत्नमय थे, उन्मग्नजला तथा निमग्नजला नामक नदियों को पार किया। यों ज्यों 5 ही उसने नदियाँ पार कीं, तमिस्रा गुफा के उत्तरी द्वार के कपाट क्रौञ्च पक्षी की तरह आवाज करते हुए सरसराहट के साथ अपने आप अपने स्थान से सरक गये - खुल गये ।
[Ans.] Gautam ! In case any leaf, wood, piece of stone, horse, elephant, chariot, army or man falls into the Unmagnajala river, it swings it three time hither and thither and then throws it out at a lonely 5 place free from water. In case any substance leaf, wood, piece of stone, horse, elephant, chariot, army men or man falls into Nimagnajaia river it swings it three times and then drowns it in the water. So Gautam ! These two rivers are called Unmagnajala and Nimagnajala respectively. Thereafter with many kings, king emperor Bharat following the path shown by Chakra Ratna, making roaring sound loudly like that of the sea came to the eastern coast of Unmagnajala river. He then called his Vardhaki Ratna and said, 'O blessed of gods! Construct good bridges on y Unmagnajala and Nimagnajala rivers which should be supported on y hundreds of bridges. They should be stable and strong. They should be
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Jambudveep Prajnapti Sutra
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卐 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
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