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माहत्याकासकल्पब
वालापणा काल: दुधम-दुषमा नामक
छठवें आरे का दृश्य
उत्सर्पिणी काल : दुःषमा आरा
(सुखद परिवर्तन)
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तीव्र सूर्य का प्रकाश
जल क्षीर-घृत-अमृत रस वर्षा के परिणाम स्वरूप हरियाली छायी।
पेड़ों पर फल-फूल कोपल आदि आये।
वैताढ्य पर्वत केबिलों में वास
मनुष्यों ने मांसाहार त्यागकर फल फूल सेवन का
निश्चय किया।
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गर्म बालू में मछलियाँ
दबाते हुये।
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पतली सकरी गंगा नदी
मछलिया पकड़ता
बीने बेडौल मनुष्य।
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नदी जल से परिपूर्ण हो गयी।