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४८. [ ५ ] उस अमृतमेघ के सात दिन-रात तक बरस जाने पर रसमेघ नामक महामेघ प्रकट होगा। ॥ ॐ वह लम्बाई, चौड़ाई आदि में भरत क्षेत्र जितना होगा। यावत् सर्वत्र एक जैसी सात दिन-रात वर्षा करेगा।
इस प्रकार बहुत से वृक्ष, गुच्छ, गुल्म, लता, बेल, तृण, पर्वग, हरियाली, औषधि, पत्ते तथा कोंपल के
आदि में तिक्त-तीता, कटुक-कडुआ, कषाय-कसैला, अम्ल-खट्टा तथा मधुर-मीठा, पाँच प्रकार के के रस उत्पन्न करेगा-रस-संचार करेगा।
तब भरत क्षेत्र में वृक्ष, गुच्छ, लता, बेल, तृण, पर्वग, हरियाली, औषधि, पत्ते तथा कोंपल आदि ॐ उगेंगे। उनकी त्वचा-छाल, पत्र, प्रवाल, पल्लव, अंकुर, पुष्प, फल, ये सब परिपुष्ट होंगे, सम्यक्तया म उदित या विकसित होंगे, सुखपूर्वक सेवन करने योग्य होंगे।
48. [5] After seven day rainfall of Amrit Megh, Rasa Megh (Juicy cloud) shall appear. It shall be equal in breadth, length and expanse equal to Bharat area and shall uniformally rain for seven days.
Thus it shall produce juice in trees, gulms, creepers, greenery, grains, leaves, petals and the like. The juice shall be of all the five types namely sharp, bitter, sour, sweet.
Then in Bharat land trees, creepers, foodgrain, greenery, leaves, petals and suchlike vegetation shall flourish. Its skin, leaves, petals, flowers and fruit shall come up and develop properly. They shall be worthy of consumption. सुखद परिवर्तन और शुभ संकल्प HAPPY CHANGE AND GOOD RESOLVE
४९. तए णं से मणुआ भरहं वासं परूढरुक्ख-गुच्छ-गुम्म-लय-वल्लि-तण-पव्वय- हरिअओसहीअं, उवचिय-तय-पत्त-पवाल-पल्लवंकुर-पुष्फ-फल-समुइअं, सुहोवभोगं जायं २ चावि ॐ पासिहिंति, पासित्ता बिलेहितो णिद्धाइस्संति, गिद्धाइत्ता हद्वतुट्ठा अण्णमण्णं सहाविस्संति, सद्दावित्ता एवं
वदिस्संति-जाते णं देवाणुप्पिआ ! भरहे वासे परूढरुक्ख-गुच्छ-गुम्म-लय-वल्लि-तण-पब्वय-हरिय जाव सुहोवभोगे, तं जे णं देवाणुप्पिआ ! अहं केइ अज्जप्पभिइ असुभं कुणिमं आहारं आहारिस्सइ, १. विशेष : पुष्कर संवर्तक मेघ की वृष्टि के पश्चात् ७ दिन वर्षा बन्द रहती है। पुनः क्षीर मेघ की वृष्टि के पश्चात् ७
दिन वर्षा बन्द रहती है। इस प्रकार २ + ५ कुल सात सप्ताह (४९ दिन) पश्चात् बिलवासी मानव बिलों से बाहर निकलकर माँसाहार को छोड़ देंगे। यह समय श्रावण कृष्णा प्रतिपदा से भाद्रपद शुक्ला पंचमी तक का आता है।
(आचार्य श्री अमोलक ऋषि जी जैन तत्त्व प्रकाश, पृष्ठ १०२) 1. Acharya Amolak Rishi has mentioned at pp. 102 in Jain Tattva Prakash, that after
rainfall of Pushkar Samvartak cloud, the rainfall remains stopped for seven days and again after rain by ksheer Megh, the rain remains stopped for seven days. Thus the total period of rainfall and the two stoppage comes to 49 days. Then the human beings who were living in caves or holes come out and discard nonvegetarian food. It shall be from the first day of dark fortnight of Shravan up to fifth day of bright fortnight of Bhadra month.
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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
(118)
Jambudveep Prajnapti Sutra
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