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________________ 9. These Padmalata and other creepers were always laden with flowers, [read same as in aphorism 4 (b) up to-] and they appeared * as if they donned plumed crests in the form of beautiful b danglers. This made them attractive, beautiful, spectacular, 3 enchanting and mesmerizing. शिलापट्टक वर्णन १०. तस्स णं असोगवरपायवस्स हेट्ठा ईसिं खंधसमल्लीणे एत्थ णं महं एक्के * पुढविसिलापट्टए पण्णत्ते-विक्खंभायाम-उस्सेहसुप्पमाणे, किण्हे, अंजण-घण किवाण-कुवलय-हलहरकोसेज्जागास-केस-कज्जलंगीखंजण, सिंगभेद-रिट्ठयॐ जंबूफल-असणग-सण-बंधण-णीलुप्पलपत्तनिकर-अयसिकुसुमप्पगासे, मरगयमसारकलित्त-णयणकीयरासिवण्णे। गिद्धघणे, अट्ठसिरे, आयंसयतलोवमे, सुरम्मे ईहामिय-उसभ-तुरग-णर-मगर* विहग-वालग-किण्णर-रुरु-सरभ-चमर-कुंजर-वणलय-पउमलय-भत्तिचित्ते, आईणग-रूय-बूर-णवणीय-तूलफरिसे, सीहासणसंठिए, पासादीए, दरिसणिज्जे, अभिरूवे, पडिरूवे। १०. उस अशोक वृक्ष के नीचे तने के कुछ पास एक बड़ा पृथ्वी शिलापट्टक-चबूतरे की 2 भाँति जमी हुई मिट्टी पर स्थापित शिलापट्ट था। उसकी लम्बाई, चौड़ाई तथा ऊँचाई एक समान थी। वह कृष्ण वर्ण का था। उसका रंग अंजन, बादल, कृपाण, नीले कमल, बलराम के वस्त्र, आकाश, केश, काजल की कोठरी, खंजन पक्षी, भैंस के सींग, रिष्टक (नील वर्ण का) रत्न, जामुन के फल, वीयक नामक वनस्पति, सन के फूल के डंठल, नीलकमल के पत्तों की राशि तथा अलसी के फूल के समान नीली चमक लिए हुए था। नीलमणि, कसौटी, कमर पर बाँधने के चमड़े के पट्टे तथा आँखों की कनीनिका-तारे-इनके पुँज जैसा उसका वर्ण था। ____ वह अत्यन्त स्निग्ध-चिकना था। उसके आठ कोने थे। वह दर्पण के समान चमकदार सुरम्य था। उस पर विविध प्रकार के चित्र बने हुए थे, जैसे-भेड़िये, बैल, घोड़े, मनुष्य, मगर, पक्षी, साँप, किन्नर, रुरु, अष्टापद, चमर, हाथी, वनलता और पद्मलता। 8 मृगछाला, कपास, बूर, मक्खन तथा आक की रुई के समान उसका कोमल स्पर्श था। वह आकार में सिंहासन जैसा दीखता था। इस प्रकार वह शिलापट्टक मनोरम, दर्शनीय, अभिरूप-प्रतिरूप था। * औपपातिकसूत्र (20) Aupapatih Sutra Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002910
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2003
Total Pages440
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_aupapatik
File Size16 MB
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