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७. ते णं तिलया लउया जाव णंदिरुक्खा, कुसविकुस-विसुद्धरुक्खमूला, मूलमंतो, ॐ कंदमंतो, एएसिं वण्णओ भाणियल्लो जाव सिवियपरिमोयणा, सुरम्म, पासादीया, • दरिसणिज्जा, अभिरूवा पडिरूवा।
७. उन तिलक, लकुच, (सूत्र ६ के अनुसार सभी वृक्षों के नाम समझें) नन्दिवृक्ष आदि इन सभी वृक्षों की जड़ें डाभ तथा दूसरे प्रकार के तृणों से रहित स्वच्छ थीं। उनके मूल, कन्द आदि दसों अंग उत्तम कोटि के थे। वे वृक्ष बहुत ही रमणीय, मनोरम, दर्शनीय, अभिरूपप्रतिरूप थे। (उनका वर्णन सूत्र ४ के अनुसार जान लेना चाहिए।)
7. The ground where these Tilak, Lakuch, (list same as aphorism 6) trees stood was free of any weeds and grass like kush and darbh. These trees had fine roots, bulbous roots etc. (details same as
aphorism 4 up to -) This made them attractive, beautiful, a spectacular, enchanting and mesmerizing.
८. ते णं तिलया जाव णंदिरुक्खा अण्णेहिं बहूहि पउमलयाहिं, णागलयाहिं, असोअलयाहिं, चंपगलयाहिं, चूयलयाहिं, वणलयाहिं, वासंतियलयाहिं, अइमुत्तयलयार्हि, कुंदलयाहिं, सामलयाहिं सब्बो समंता संपरिक्खित्ता।
८. (जिस प्रकार अशोक वृक्ष तिलक, लकुच आदि वृक्षों से घिरा हुआ था उसी प्रकार-) वे तिलक, नन्दीवृक्ष आदि वृक्ष भी अन्य बहुती-सी पद्मलताओं, नागलताओं, अशोकलताओं, चम्पकलताओं, आम्रलताओं, पीलुकलताओं, वासन्तीलताओं तथा अतिमुक्तकलताओं से चारों ओर से घिरे हुए थे। ____8. As the Ashoka tree was surrounded by Tilak (same as aphorism 6 up to -) and Nandi trees so were these trees surrounded by a variety of creepers including Padmalata, Naagalata,
Ashokalata, Champakalata, Amralata, Pilukalata, Vasantilata and 9 Atimuktakalata.
९. ताओ णं पउमलयाओ णिच्चं कुसुमियाओ जाव पासादीयाओ, दरिसणिज्जाओ, अभिरूवाओ, पडिरूवाओ।
९. वे पद्मलताएँ आदि सब ऋतुओं में फूलों से भरी रहती थीं, [सूत्र ४ (ख) के अनुसार] जिससे ऐसा लगता था मानो वे सिर पर झुकी कलंगियाँ धारण किये हों। वे रमणीय, मनोरम, दर्शनीय, अभिरूप-प्रतिरूप थीं।
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169969409-2098698696
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समवसरण अधिकार Posgoa gagoPDGOPMG
Samavasaran Adhikari
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