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वाहणसालं अणुपविसइ, अणुपविसित्ता वाहणाई पच्चुवेक्खेइ, पच्चुवेक्खेत्ता वाहणाई संपमज्जइ, संपमज्जित्ता वाहणाई णीणेइ, णीणेत्ता वाहणाई अप्फालेइ, अप्फालेत्ता दूसे पवीणेइ, पवीणेत्ता वाहणइं समलंकरेइ, समलंकरेत्ता वाहणाई वरभंडगमंडियाइं करेइ, .
करेत्ता वाहणाइं जाणाई जोएइ, जोएत्ता पओयलहिँ पओयधरए य समं आडहइ, * आडहित्ता वट्टमग्गं गाहेइ, गाहेत्ता जेणेव बलवाउए, तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता बलवाउयस्स एयमाणत्तियं पच्चप्पिणइ।
४४. तब उस यानशालिक ने सेनानायक का आदेश विनयपूर्वक स्वीकार किया। * स्वीकार कर जहाँ यानशाला थी, वहाँ आया। आकर यानों का निरीक्षण किया। निरीक्षण * कर उनकी अच्छी तरह सफाई की। सफाई कर उन्हें वहाँ से हटाया। हटाकर बाहर निकाला।
बाहर निकालकर उनके दूष्य-आच्छादक वस्त्र उन पर लगी खोलियाँ हटाईं। खोलियाँ हटाकर यानों को सजाया। सजाकर उन्हें उत्तम आभरणों, गद्दी, तकिये आदि उपकरणों से
मण्डित किया। फिर जहाँ वाहनशाला थी, वहाँ आया। वाहनशाला में प्रविष्ट हुआ। प्रविष्ट * होकर वाहनों-(बैल आदि) का निरीक्षण किया। निरीक्षण कर उन पर लगी हुई धूल आदि
हटायी, वैसा कर उन्हें वाहनशाला से बाहर निकाला। बाहर निकालकर बैलों की पीठ थपथपाई। फिर उन पर लगे आच्छादक वस्त्र-झूल आदि हटाये। झूल आदि हटाकर बैलों
को सजाया। सजाकर उन्हें उत्तम आभरणों से विभूषित किया। उन्हें यानों में, गाड़ियों, रथों * आदि में जोता। जोतकर प्रतोत्रधर-गाड़ी हाँकने वालों-(गाड़ीवानों), प्रतोत्रयष्टिकाएँ-गाड़ी, * रथ आदि हाँकने की लकड़ियाँ या चाबुक को देकर यान चलाने का कार्य सौंपा। गाड़ीवान * उसकी आज्ञानुसार यानों को राजमार्ग पर लाये। वैसा करवाकर उसने सेनानायक के पास
आकर आज्ञापालन हो जाने की सूचना दी। DECORATION OF CARRIAGES
44. The master of the royal vehicles humbly accepted the order of the army commander and came to the coach-house. He inspected the vehicles, got them cleaned and moved them out. He then removed the protective coverings and got them fitted with
necessary accessories including seats and backrests besides The beautifying them with ornamental decorations. After this he went
to the stable and inspected the livestock. Selecting the steers he dusted them and drove them out. He then removed the protective covers, groomed and embellished them with best quality ornaments before harnessing them to coaches, carriages and chariots. Once all
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औपपातिकसूत्र
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Aupapatik Sutra
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