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४२. हस्ति सेनाधिकारी (महावत) ने सेनानायक का कथन सुना, उसका आदेश विनयपूर्वक स्वीकार किया। आदेश स्वीकार कर उस हस्ति सेनाधिकारी ने चतुर तथा निपुण कलाचार्य की शिक्षा से जिनकी बुद्धि का बहुमुखी विकास हो चुका है ऐसे हस्ति सज्जा निपुण शिल्पकारों को बुलवाकर हाथी को चमकीले वस्त्रों, झूलों आदि से सजाया, शृंगार कराया। उसके कवच लगाया, कक्षा-बाँधने की रस्सी को उसके वक्षःस्थल से कसा, गले में हार तथा उत्तम आभूषण पहनाये, इस प्रकार उसे सुशोभित किया। तब वह बड़ा तेजोमय दीखने लगा। सुललित-लालित्ययुक्त या कलापूर्ण कर्णपूरों-कानों के आभूषणों द्वारा वह बहुत ही सुहावना लगने लगा। इसके कपोल स्थल से जो मद झर रहा था, उसकी सुगंधि पर मँडराते भँवरों के कारण ऐसा लग रहा था, मानो अंधकार ही घनीभूत हो गया हो। झूल पर बेल-बूटे कढ़ा छोटा आच्छादक वस्त्र डाला गया। शस्त्र तथा कवचयुक्त वह हाथी युद्ध के लिए सजा हुआ प्रतीत हो रहा था। उसके छत्र, ध्वजा, घंटा तथा पताका आदि सब यथास्थान शोभित हो रहे थे। मस्तक को पाँच फूलों से सजाया गया था। उसके दोनों ओर परिपार्यों में दो घंटियाँ लटक रही थीं। आभूषणों की चमक से वह हाथी बिजलीयुक्त काले बादल जैसा दिखाई देता था। अपने विशाल डीलडौल के कारण वह ऐसा लगता था मानो अकस्मात् कोई चलताफिरता पर्वत प्रकट हो गया हो। वह मदोन्मत्त था। वह चिंघाड़ता तब ऐसा लगता मानो महामेघ की गर्जना हो रही है। उसकी गति मन तथा वायु के वेग जैसी शीघ्रगामी थी। विशाल देह तथा प्रचंड शक्ति के कारण वह भीम-भयावह प्रतीत होता था। उस संग्राम योग्य वीरवेश पहनाये आभिषेक्य हस्तिरत्न को महावत ने सन्नद्ध किया-सुसज्जित कर तैयार किया। उसे तैयार कर घोड़े, हाथी, रथ तथा उत्तम योद्धाओं से परिवृत्त सेना को तैयार करवाया। फिर वह महावत सेनानायक के पास आया और आज्ञापालन होने की सूचना दी। DECORATION OF THE ELEPHANT ___42. Humbly listening to and accepting the army officer's order, the officer of the elephant brigade called expert artisans who had attained all-round expertise in the art of elephant decoration under the guidance of accomplished art teachers and got the selected elephant adorned with shining clothes and caparisons (hool). Armour plates were tied at required spots on its body and a tether (kaksha) was tied over its rib-cage. It was further embellished with ornaments including necklaces. It looked highly radiant after all this. It became spectacular with the artistic ornaments on its earlobes. With bumble-bees hovering over the musk like ooze on its temples, it appeared as if darkness had become denser. A shorter औपपातिकसूत्र
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Aupapatik Sutra
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