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चित्र परिचय-३
भगवान के श्रमणों की २२ उपमाएँ
श्रमण भगवान महावीर के श्रमण भगवान इस प्रकार की विशेषताओं से युक्त थे
(१) कांसे के पात्र की तरह निर्लेप । (३) जीव के समान अप्रतिहतगति । (५) दर्पण के समान प्रकट भाव वाले। (७) कमल के समान निर्लेप ।
(९) पवन के समान गृहरहित ।
(११) सूर्य के समान तेजस्वी ।
(१३) पक्षी के समान परिकर से मुक्त। (१५) शरद ऋतु के जल के समान स्वच्छ हृदय । (१७) भारण्ड पक्षी के समान अप्रमत्त ।
(१९) वृषभ के समान धैर्यशाली ।
(२१) पृथ्वी के समान क्षमाशील ।
TWENTY TWO METAPHORS FOR THE ASCETIC DISCIPLES OF BHAGAVAN
(4) Endowed with purity of conduct like refined gold.
(5) Transparent like a mirror.
(7) Unspoiled like a lotus leaf. (9) Abodeless like air
(11) Scintillating like the sun.
(13) Untethered like birds.
(15) Pure at heart like the autumn water (17) Ever alert like a Bharand bird.
Illustration No. 3
(२) शंख के समान उज्ज्वल - राग रहित । (४) शुद्ध स्वर्ण के समान निर्दोष चारित्रवान । (६) कछुए के समान गुप्तेन्द्रिय ।
(८) आकाश के समान आलम्बन रहित ।
(१०) चन्द्र के समान सौम्य ।
(१२) समुद्र के समान गम्भीर ।
(१४) मेरु के समान अप्रकम्प । (१६) गेंड़े के सींग के समान एकाकी । (१८) हाथी के समान शक्तिशाली। (२०) सिंह के समान पराक्रमी । (२२) यज्ञाग्नि के समान तेजोदीप्त ।
The ascetic disciples of Shraman Bhagavan Mahavir were endowed with these. qualities :
(1) Free of blemish like a bronze vessel.
(2) Clean and detached like a conch-shell.
(3) Unhindered in movement like a soul.
(19) Patient like a bull.
(21) Tolerant like the earth.
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- सूत्र २७
(6) With concealed senses like a tortoise. (8) Without a support like sky. (10) Soothing like the moon. (12) Serene like an ocean. (14) Unwavering like Mount Meru.
( 16 ) Unidirectional like a rhinocerous horn.
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(18) Strong like an elephant.
(20) Invincible like a lion.
(22) Glowing like the flames of a yajna-pyre.
-Sutra 27
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