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done which is absolutely necessary in that situation. On the other hand, many persons, who are uncivilized, cruel and of polluted mind commit acts of violence simply for enjoyment. They experience great pleasure in
seeing the creatures moaning due to pangs of death. They do not hesitate 4 killing mercilessly innocent deer, rabbit and the like.
In Vedic tradition, there is a mention of committing violence even for religious practices and customs. This is due to ignorance about the true
philosophical thought. The desire of attaining salvation by sacrificing I goat, he-buffalo, cow, horse and like in fire or in any other way is like the i desire of becoming immortal by taking poison. ॐ हिंसक जनों के विविध प्रकार VARIOUS TYPES OF VIOLENT LNING BEINGS
१९. [प्र. ] कयरे ते ?
[उ. ] जे ते सोयरिया मच्छबंधा साउणिया वाहा कूरकम्मा वाउरिया दीवित-बंधणप्पओगर तप्पगल-जाल-वीरल्लगायसीदब्भ-वगुरा-कूडछेलियाहत्था। ॐ हरिएसा साउणिया य वीदंसगपासहत्था वणचरगा लुद्धगा महुघाया पोयघाया एणीयारा पएणीयारा ॐ सर-दह-दीहिय-तलाग-पल्लल-परिगालण-मलण-सोत्तबंधण-सलिलासयसोसगा विसगरलस्स य ॐ दायगा उत्तणवल्लर-दवग्गि-णिद्दया पलीवगा कूरकम्मकारी।
१९. [प्र. ] वे हिंसा करने वाले पापिष्ट प्राणी कौन-कौन हैं ? 1 [उ. ] शौकरिक-जो सूअर का शिकार करते हैं, मत्स्यबन्धक-धीवर जो मछलियों को जाल में 卐 बाँधकर मारते हैं, बहेलिए जो पक्षियों को जाल में फँसाकर घात करते हैं। व्याध-शिकारी जो, हिरणों # को फँसाकर मारते हैं। क्रूरकर्मा, वागुरिक-मृग आदि को जाल में फँसाने के लिए घूमते हैं, जो मृगादि ।
को मारने के लिए चीते आदि जीवों के साधन काम में लेते हैं, मृग आदि को फँसाने-बाँधने के लिए, 卐 फंदा या गुलेल रखते हैं। मछलियाँ पकड़ने के लिए, छोटी नौकाएँ, गल-मछलियाँ पकड़ने के लिए काँटे के 卐 पर आटा या माँस, जाल, बाज पक्षी, लोहे का जाल, डाभ या नारियल की बनी रस्सी, कूटपाश, चीता . # आदि को पकड़ने के लिए पिंजरे आदि में अथवा किसी स्थान पर बाँधी हुई बकरी अथवा बकरा रखते 卐 हैं। इन सब साधनों को साथ में लेकर फिरने वाले-इन साधनों का प्रयोग करने वाले। * चाण्डाल, चिड़ीमार, बाज पक्षी तथा जाल को रखने वाले भील आदि वनवासी, शहद के या माँस ज के लिए मधुमक्खियों का घात करने वाले, पोतघातक-पक्षियों के बच्चों का घात करने वाले, मृगों को + आकर्षित करने के लिए हरिणी को साथ लिए घूमने वाले, सरोवर, ह्रद, वापी, तालाब, क्षुद्र जलाशय
को मत्स्य, शंख आदि प्राप्त करने के लिए खाली करने वाले, जलाशय को किसी उपाय से सुखाने वाले, ॐ विष अथवा अन्य वस्तु में मिले विष को खिलाने वाले, उगे हुए तृण-घास एवं खेत को निर्दयतापूर्वक
जलाने वाले, ये सब क्रूरकर्मकारी हैं।
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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
(32)
Shri Prashna Vyakaran Sutra
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