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In the following text the author has narrated five sentiments and method of pondering over them and applying in order to observe the
Satya Samvar resolutely with enthusiasm and faith. म प्रथम भावना-अनुवीचिभाषण FIRST SENTIMENT-IMPROPER WORD (ANUVEECH BHASHAN)
१२२. तस्स इमा पंच भावणाओ बिइयस्स वयस्स अलियवयणस्स वेरमण-परिरक्खणट्ठयाए।
पढम-सोऊण संवरटं परमटं सुटु जाणिऊणं ण वेगियं ण तुरियं ण चवलं ण कडुयं ण फरुसं ण ॐ साहसं ण य परस्स पीडाकरं सावज्जं, सच्चं च हियं च मियं च गाहगं च सुद्धं संगयमकाहलं च समिक्खियं
संजएण कालम्मि य वत्तव्वं। ___एवं अणुवीइसमिइजोगेण भाविओ भवइ अंतरप्पा संजयकर-चरण-णयण-वयणो सूरो सच्चज्जवसंपुण्णो।
१२२. द्वितीय व्रत- सत्य महाव्रत की ये आगे कही जाने वाली ये पाँच भावनाएँ हैं, जो असत्य वचन के विरमण की रक्षा के लिए हैं अर्थात् इन पाँच भावनाओं का विचारपूर्वक पालन करने से असत्य-विरमणरूप सत्य महाव्रत की पूरी तरह रक्षा होती है।
प्रथम अनुवीचिभाषण रूप भावना है। सद्गुरु से सत्यव्रतरूप संवर के अर्थ-आशय को सुनकर एवं उसके शुद्ध परमार्थ-रहस्य को सम्यक् प्रकार से जानकर जल्दी-जल्दी-सोच-विचार किये बिना नहीं । + बोलना चाहिए, कड़वा वचन नहीं बोलना चाहिए, चपलतापूर्वक नहीं बोलना चाहिए, कठोर शब्दों का
प्रयोग नहीं करना चाहिए, विचारे बिना सहसा नहीं बोलना चाहिए, दूसरों को पीड़ा पहुंचाने वाला एवं ॐ पापयुक्त वचन भी नहीं बोलना चाहिए। किन्तु सत्य, हितकारी, परिमित, अपने अभिप्राय को स्पष्ट करने 5 वाला, शुद्ध-निर्दोष, संगत-युक्तियुक्त एवं पूर्वापर-अविरोधी, स्पष्ट तथा पहले बुद्धि द्वारा सम्यक् प्रकार से विचारित ववन अवसर के अनुसार साधु को बोलना चाहिए।
इस प्रकार अनुवीचि समिति के-निरवद्य वचन बोलने की यतना के योग से भावित ॐ अन्तरात्मा-साधक हाथों, पैरों, नेत्रों और मुख पर संयम रखने वाला होकर, पराक्रमी तथा सत्य और
आर्जव धर्म से सम्पन्न हो जाता है। ___122. There are five sentiments of truth-the second great vow. They are for properly avoiding false speech. One who meticulously follows them, he can properly practice the major vow of truth.
The first of the said five sentiments is thoughtful speech. After 5 carefully listening the meaning and purport of the vow of truth from his 5 teacher and understanding its underlying secret, he should not speak in a hurry without properly considering its likely effect. He should never 2 speak harsh word. He should not utter pinching word. He should not 4
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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
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Shri Prashna Vyakaran Sutra
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