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चित्र-परिचय 17
Illustration No.17 सत्य की महिमा सत्यभाषी मनुष्य को यदि विपत्तियाँ आकर घेर लें तो भी उसका सत्य-व्रत उसके लिए देव के समान आश्चर्यकारी प्रत्यक्ष सहायक होता है। चित्र में सत्य की इसी महिमा को दिखाया गया
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1. महासमुद्र की ऊँची-ऊँची लहरों में चलती नौका के नाविकों की बुद्धि भ्रमित होने पर भी वह नौका उस महासमुद्र में डूबती नहीं है, किनारे लग जाती है। क्योंकि उस नौका में सत्यवादी मनुष्य बैठा हुआ है। ___ 2. विषैला सर्प भी बिना दंश मारे ही सत्यवादी व्यक्ति के पास से गुजर जाता है।
3. सत्य के प्रभाव से भयंकर अग्नि का उपद्रव भी सत्यव्रती व्यक्ति को नहीं जला सकता है। 4. सत्यनिष्ठ व्यक्ति को पर्वत के शिखर से नीचे फेंकने पर भी वह सुरक्षित बच जाता है।
5. सत्यव्रती मनुष्य संग्राम में शत्रुओं द्वारा तलवार से घेरे जाने पर भी अक्षत् शरीर- सकुशल बाहर निकल आता है।
-सूत्र 120, पृ. 296
GLORY OF TRUTH
Even when a truthful person is in great trouble his vow of truthfulness miraculously protects him like a god. These illustrations show this glory of truth.
(1) A boat rocking on high waves in a turbulent ocean does not drown in spite of confused boatmen. It reaches the shore because a truthful person is sitting in the boat.
(2)A poisonous snake crawls away from near a truthful person without biting him. (3) Even a forest fire does not burn a truthful man because of the power of truth. (4) A truthful person is saved even when thrown from a hilltop.
(5) A truthful person comes out unharmed from a battle even after being surrounded __by swordsmen.
-Sutra-120, page-296
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