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ईर्या समिति भावना
(छः काय जीवों की हिंसा) | संसार में सभी जीव जीना से बचना चाहिए। चाहते हैं, कोई मरना नहीं
चाहता। अतः किसी की
हिंसा मत करो।
मन: समिति भावना
वचन संमिति भावना
एषणा समिति भावना
सचित्त हरी सब्जी परखड़े होकर भिक्षा देना
शुद्ध भिक्षा न मिलने पर मुनि द्वारा अस्वीकार
HIN
दुधको
भिक्षा में सचित्त नमक केडेले
चूल्हे पर से
फॅककर
ताजी रोटी उतारकर देना
दला.
सचित्त पानी
देना
आदान निक्षेपण समिति भावना
प्रतिलेखन
पात्र आदि का प्रमार्जन
पात्र को सावधानीपूर्वक
रखना
प्रतिदिन सुबह शाम वस्त्र आदि का प्रतिलेखन विवेकपूर्वक करना 10
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atid
For Private & Personalis)