________________
फफफफफफफफफफफफफफफफ
卐
विषय
१२. अकर्मभूमिज नारियों की शरीर-सम्पदा
१३. परस्त्री लुब्ध जीवों की दुर्दशा
१४. अब्रह्मचर्य का दुष्परिणाम
१५. उपसंहार
पंचम अध्ययन - परिग्रह
१. परिग्रह का स्वरूप
२. परिग्रह महावृक्ष
३. परिग्रह के गुणनिष्पन्न नाम
४.
देव एवं मनुष्यगण भी परिग्रह के पाश में बँधे हैं
५. परिग्रह के लिए विविध कलाएँ सीखते हैं
६. परिग्रह पाप का कटुफल
आस्रवद्वार का उपसंहार
Jain Education International
पृष्ठ सं.
विषय
भूमिका
संवरद्वारों की महिमा
प्रथम अध्ययन
-अहिंसा
१. अहिंसा भगवती के साठ नाम
२१०
२१६
२१९
२२३-२४३
२२२
२२३
२२४
२२८
२३२
२३९
२४२
२४४-२४५
२४७
२५०
२५३ - २९४
Subject
12. Physical Wealth of Women of Akarm Area
13. Bad Condition of Men
२५३
14. Bad Results of
Non-Celebacy
15. Conclusion
Attracted to other's Women
Fifth Chapter
Attachment (Parigraha )
1. Nature of Parigraha
2.
3.
4.
Parigraha : The Great Tree
Synonyms of Parigraha Gods and Humans:
Victims of Parigraha
5. Learning of Various Arts
द्वितीय श्रुत स्कन्ध: संवरद्वार
Second Volume (Shrut-skandh) : GATEWAYS OF SAMVAR
पृष्ठ सं.
Page No.
for Parigraha
6. Bitter Fruits of Attachment
Conclusion of Asrav Dvar
(२६)
Subject
Introduction
Importance of Samvar
For Private & Personal Use Only
210
First ChapterNon-Violence (Ahimsa )
1. Sixty Synonyms of Non-Violence (Ahimsa)
216
219
222
223-243
223
224
228
232
239
242
244-245
Page No.
247
250
253-294
253
फ्र
2595 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 59595955555555955555595555559595952
फ्र
卐
卐
卐
卐
卐
www.jainelibrary.org