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चित्र - परिचय 15
Illustration No. 15
अहिंसा के गुण निष्पन्न नाम
प्रथम संवरद्वार में अहिंसा के 60 गुण निष्पन्न नाम बताये गये हैं। जिसमें से कुछ प्रमुख को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है
(1) द्वीप - अहिंसा को द्वीप के समान आश्रय देने वाला कहा गया है। यह देव, मनुष्य और असुर सहित सम्पूर्ण लोक के प्राणियों को द्वीप के समान शरण देने वाली है। इसे दीपक के समान ज्ञान का देने वाली भी कहा है। अहिंसा संवर से भावित सुसाधु इस द्वीप में सर्वोच्च स्थान पर बैठा दिखाया
प्रकाश गया है।
(2) निर्वाण - अहिंसा को मोक्ष का हेतु बताया गया है।
(3) निवृत्ति-समाधि - यह अहिंसा समस्त पाप दुर्ध्यान एवं दुःखों से निवृत्त करके शान्ति एवं प्रसन्नता
प्रदान करने वाली । चित्त को शान्त एवं एकाग्र रखने वाली है।
(4) ऋद्धि-अहिंसा को आत्मिक एवं भौतिक लक्ष्मी प्राप्ति का कारण माना है।
(5) बोधि - सम्यक्ज्ञान, सम्यक्दर्शन, सम्यक्चारित्र रत्नत्रय रूपी बोधि का कारण माना गया है। (6) कान्ति - शान्ति-रति-अहिंसा के आराधक में शारीरिक एवं आत्मिक कान्ति- तेजस्विता उत्पन्न
हो जाती है। उसके अन्दर प्राणिमात्र के प्रति प्रीति मैत्री का भाव उत्पन्न हो जाता है। क्षमा, सहिष्णुता भी अहिंसा से उत्पन्न होते हैं।
- सूत्र 107, पृ. 254-257
QUALITIVE SYNONYMS OF AHIMSA
In the first door of Samvar 60 synonyms, based on quality, of Ahimsa are mentioned. Some important ones are explained here with the help of illustrations --
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(1) Dveep (Island ) – Ahimsa is said to be a place of refuge like an island. It provides refuge to all living beings of this universe, including divine beings, humans, and demons. With Ahimsa enkindled a noble ascetic is shown sitting at the highest place on the island. It is also said to be the source of light of knowledge, like a lamp.
(2) Nirvana (Liberation) - It is said to be cause of liberation.
(3) Nivritti-Samadhi - Ahimsa releases mind from all sins, evil thoughts and miseries and provides peace and joy. It keeps the mind calm and focused.
(4) Riddhi (Wealth ) – Ahimsa is believed to be the source of spiritual and material wealth.
(5) Bodhi (Enlightenment ) - It is said to be the cause of enlightenment in the form of the three gems - right knowledge, right perception/faith and right conduct.
(6) Kanti-Shanti - Rati - A practitioner of Ahimsa is endowed with physical and spiritual glow (kanti). He is infused with the feeling of universal fraternity. Forgiveness and tolerance are also born out of Ahimsa.
- Sutra-107, pages-254-257
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