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563. Samvas (sexual gratification) is of four kinds-(1) Some asur copulates with asuris. (2) Some asur copulates with rakshasis. (3) Some 41 rakshas copulates with asuris. (4) Some rakshas copulates with rakshasis.
564. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) Some asur (asur) copulates with asuris. (2) Some asur copulates with manushis. (3) Some manushya (man) copulates with asuris. (4) Some manushya copulates with manushis.
५६५. चउबिहे संवासे पण्णत्ते, तं जहा-रक्खसे णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति, रक्खसे णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति, मणुस्से णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति, मणुस्से णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति। __ ५६५. संवास चार प्रकार का कहा है-(१) कुछ राक्षस राक्षसियों के साथ, (२) कुछ राक्षस मानुषी स्त्रियों के साथ, (३) कुछ मनुष्य राक्षसियों के साथ, और (४) कुछ मनुष्य मानुषी स्त्रियों के साथ संवास करते हैं।
565. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) Some rakshas copulates with rakshasis. (2) Some rakshas copulates with manushis. (3) Some manushya (man) copulates with rakshasis. (4) Some manushya copulates with manushis.
विवेचन-वैमानिक व ज्योतिष देवों के संवास को दिव्यसंवास। असुरकुमार भवनवासी देवों के संवास को आसुरसंवास। राक्षस व्यन्तर देवों के संवास को राक्षससंवास और मनुष्यों के संवास को मानुषसंवास कहते हैं।
उपरोक्त सूत्रों में देव, असुर, राक्षस और मनुष्य शब्द का भाव प्रतीकात्मक भी लिया जा सकता है।
देव-भौतिक दृष्टि से सम्पन्न तथा प्रेम उदारता स्नेह, मृदुता, मर्यादा पालन और क्षमाशीलता आदि गुणों का प्रतीक है। असुर-उग्र स्वभाव, मनमौजीपन, अहंकार, राजसी स्वभाव, कठोरता आदि का। राक्षस-क्रूरता, निर्दयता, निकृष्टता, भक्ष्याभक्ष्य अविवेक आदि स्वभाव का प्रतीक है। मनुष्य में उक्त ॥ तीनों के गुण व स्वभाव का मिश्रण रहता है। देव-देवी के संवास का भाव है, श्रेष्ठ पुरुष और श्रेष्ठ स्त्री। इसी प्रकार अन्य के स्वभाव के अनुसार प्रतीकार्थ लिया जा सकता है। (हिन्दी टीका, पृ. १०८३)
Elaboration—The sexual gratification of Vaimanik and Jyotishk gods : is called divya-samvas (divine copulation); that of Asur Kumar abode
dwelling gods is called aasur-samvas (aasur copulation); that of rakshas interstitial gods is called rakshas-samvas (rakshas copulation) and that of human beings is called maanush-samvas (human copulation).
The terms deva, asur, rakshas and manushya used in this aphorism may also be interpreted symbolically| चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Sthaan : Fourth Lesson
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