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म ५६१. संवास चार प्रकार का होता है-(१) कुछ देव देवियों के साथ, (२) कुछ देव राक्षसियों के साथ, (३) कुछ राक्षस देवियों के साथ, और (४) कुछ राक्षस राक्षसियों के साथ संवास करते हैं।
५६२. संवास चार प्रकार का होता है-(१) कुछ देव देवियों के साथ, (२) कुछ देव मानुषी के के साथ, (३) कुछ मनुष्य देवी के साथ, और (४) कुछ मनुष्य मानुषी स्त्री के साथ संवास करता है।
559. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) divya-samvas (divine copulation), (2) aasur-samvas (aasur copulation), (3) rakshassamvas (rakshas copulation) and (4) maanush-samvas (human copulation).
560. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) Some deva (god) copulates with devis (goddesses). (2) Some god copulates with asuris (asur females or a kind of lower goddesses). (3) Some asur (a kind of lower god) copulates with goddesses. (4) Some asur copulates with asuris.
561. Samvas (sexual gratification) is of four kinds-(1) Some deva (god) copulates with devis (goddesses). (2) Some god copulates with rakshasis (rakshas females or a kind of lower goddesses). (3) Some rakshas copulates with goddesses. (4) Some rakshas copulates with rakshasis.
562. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) Some deva (god) copulates with devis (goddesses). (2) Some god copulates with a manushis (women). (3) Some manushya (man) copulates with goddesses. (4) Some manushya copulates with manushis.
५६३. चउबिहे संवासे पण्णत्ते, तं जहा-असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे ॐ णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति, रक्खसे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, रक्खसे णाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति।
५६४. चउबिहे संवासे पण्णत्ते, तं जहा-असुरे णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, असुरे णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति, मणुस्से णाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति, मणुस्से + णाममेगे मणुस्सीए सद्धिं संवासं गच्छति।
५६३. संवास चार प्रकार का कहा है-(१) कुछ असुर असुरियों के साथ, (२) कुछ असुर + राक्षसियों के साथ, (३) कुछ राक्षस असुरियों के साथ, और (४) कुछ राक्षस राक्षसियों के साथ संवास करते हैं।
५६४. संवास चार प्रकार का कहा है-(१) कुछ असुर असुरियों के साथ, (२) कुछ असुर मानुषी स्त्रियों के साथ, (३) कुछ मनुष्य असुरियों के साथ, और (४) कुछ मनुष्य मानुषी स्त्रियों के साथ संवास ॐ करते हैं।
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| स्थानांगसूत्र (२)
(38)
Sthaananga Sutra (2)
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