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555555555555555555555555555555555555 15 type. Therefore an acharya with ordinary knowledge who encourages lax $i conduct and indiscipline is said to be like the loose of a shoemaker.
(2) Like veshya karandak--The box of a prostitute contains ornaments made of gold foil filled with shellac (like costume jewellery).
Therefore an acharya with little knowledge who attracts ordinary people i with his clever speech and crowd pulling antics is said to be like the box of a prostitute.
(3) Like grihapati karandak—The box of a well to do householder contains ornaments made of real pearls and gold. Therefore a scholarly acharya steadfast in his ascetic conduct is said to be like a householder's box.
(4) Like raj karandak-The box of a king contains invaluable 4 ornaments and gems. Therefore an acharya endowed with all virtues
befitting his status is said to be like a king's box. ॐ वृक्ष-पद VRIKSHA-PAD (SEGMENT OF TREES)
५४२. चत्तारि रुक्खा पण्णत्ता, तं जहा-साले णाममेगे सालपरियाए, साले णाममेगे + एरंडपरियाए, एरंडे णाममेगे सालपरियाए, एरंडे णाममेगे एरंडपरियाए।
एवामेव चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तं जहा-साले णाममेगे सालपरियाए, साले णाममेगे एरंडपरियाए, एरंडे णाममेगे सालपरियाए, एरंडे णाममेगे एरंडपरियाए। ऊ ५४२. वृक्ष चार प्रकार के होते हैं-(१) शाल और शाल-पर्याय-कोई वृक्ष शाल जाति का होता है ॥
और शाल-पर्याय- (सघन छाया वाला व पूर्ण विकसित) होता है; (२) शाल और एरण्ड-पर्याय-कोई ॐ वृक्ष शाल जाति का होता है, किन्तु एरण्ड-पर्याय-(एरण्ड के वृक्ष के समान अल्प छायावाला व पतझड़ 卐 में पत्रहीन होने वाला) होता है; (३) एरण्ड और शाल-पर्याय-कोई वृक्ष एरण्ड के समान छोटा, किन्तु
शाल के समान सघन छाया वाला होता है; तथा (४) एरण्ड और एरण्ड-पर्याय-कोई वृक्ष एरण्ड के ॐ समान छोटा और उसी के समान अल्प छाया वाला होता है।
इसी प्रकार आचार्य भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई आचार्य शाल के समान उत्तम जाति व ॐ रूप वाले और उसी के समान उत्तम ज्ञान व आचार आदि से प्रभावशाली होता है; (२) कोई आचार्य मशाल के समान उत्तम जाति व रूपवान होकर भी ज्ञान, आचार और प्रभाव से शून्य होते हैं; (३) कोई
आचार्य एरण्ड के समान रूप हीन, किन्तु ज्ञान, आचार आदि से प्रभावशाली होते हैं; एवं (४) कोई । आचार्य एरण्ड के समान रूप हीन और उसी के समान ज्ञान, आचार से भी हीन होते हैं।
542. Vriksha (trees) are of four kinds-(1) Shaal and shaal-paryayasome tree is of Shaal species and also has qualities of a Shaal tree (fully
grown and with thick foliage providing dense shade), (2) Shaal and 4 Erand-paryaya-some tree is of Shaal species but has qualities of an i
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स्थानांगसूत्र (२)
(24)
Sthaananga Sutra (2)
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