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A Erand (castor-oil plant) tree (with sparse foliage and no leaves in Fautumn season providing no shade), (3) Erand and Shaal-paryaya
some tree is of Erand species but has qualities of a Shaal tree and (4) Erand and Erand-paryaya-some tree is of Erand species and also
has qualities of an Erand tree. F In the same way acharya (preceptor) are of four kinds-(1) Some fi acharya is of high class and good appearance like a Shaal tree, and
impressive as well due to excellent knowledge and conduct. (2) Some
acharya is of high class and good appearance like a Shaal tree but Funimpressive like an Erand tree due to absence of knowledge and
conduct. (3) Some acharya is of ordinary appearance like an Erand tree 6 but impressive like a Shaal tree due to excellent knowledge and conduct.
(4) Some acharya is of ordinary appearance like an Erand tree and equally unimpressive due to absence of knowledge and conduct.
५४३. चत्तारि रुक्खा पण्णत्ता, तं जहा-साले णाममेगे सालपरिवारे, साले णाममेगे एरंडपरिवारे, एरंडे णाममेगे सालपरिवारे, एरंडे णाममेगे एरंडपरिवारे। ___ एवामेव चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तं जहा-साले णाममेगे सालपरिवारे, साले णाममेगे एरंडपरिवारे, एरंडे णाममेगे सालपरिवारे, एरंडे णाममेगे एरंडपरिवारे।
सालदुममज्झयारे, जह साले णाम होइ दुमराया। इय सुंदरआयरिए, सुंदरसीसे मुणेयव्ये॥१॥ एरंडमज्झयारे, जह साले णाम होई दुमराया। इय सुंदरआयरिए, मंगुलसीसे मुणेयव्ये॥२॥ सालदुममज्झयारे, एरंडे णाम होइ दुमराया। इय मंगुलआयरिए, सुंदरसीसे मुणेयव्ये॥३॥ एरंडमज्झयारे, एरंडे णाम होइ दुमराया।
इय मंगुलआयरिए, मंगुलसीसे मुणेयव्ये॥४॥ (संग्रहणी-गाथा) ५४३. वृक्ष चार प्रकार के होते हैं-(१) शाल और शालपरिवार-कोई वृक्ष शाल जाति और शालपरिवार वाला-(शाल के अनेक वृक्षों से घिरा हुआ) होता है; (२) शाल और एरण्डपरिवार-कोई शाल जाति का, किन्तु एरण्डपरिवार वाला (छोटे वृक्षों से घिरा हुआ) होता है; (३) कोई जाति से एरण्ड, किन्तु शालपरिवार वाला होता है; तथा (४) कोई जाति से एरण्ड और एरण्डपरिवार वाला होता है।
इसी प्रकार आचार्य भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई आचार्य शाल के समान स्वयं गुणवान और शालपरिवार के समान उत्तम शिष्य-परिवार वाले होते हैं; (२) कोई आचार्य शाल के समान स्वयं
फ॥॥॥॥॥॥555555555555555555
| चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
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Fourth Sthaan : Fourth Lesson 9555555555555555555555555555555558
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