________________
ब))))
))))))))
)))))))
)))))
)))))
)))))
5 F F听听听听听听听听 f hhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh
आचार्य-सूत्र ACHARYA-PAD (SEGMENT OF PRECEPTOR)
५४१. चत्तारि करंडगा पण्णत्ता, तं जहा-सोवागकरंडए, वेसियाकरंडए, गाहावतिकरंडए, म रायकरंडए। एवामेव चत्तारि आयरिया पण्णत्ता, तं जहा-सोवागकरंडगसमाणे,
वेसियाकरंडगसमाणे, गाहावतिकरडंगसमाणे, रायकरंडगसमाणे। __५४१. करण्डक चार प्रकार के होते हैं-(१) श्वपाककरण्डक, (२) वेश्याकरण्डक,
(३) गृहपतिकरण्डक, और (४) राजकरण्डक। इसी प्रकार आचार्य भी चार प्रकार के होते हैंम (१) श्वपाक-करण्डक समान, (२) वेश्या-करण्डक समान, (३) गृहपति-करण्डक समान, और (४) राज-करण्डक समान।
541. Karandak (box) are of four kinds-(1) shvapaak karandak (shoemaker's box), (2) veshya karandak (prostitute's box), (3) grihapati karandak (householder's box) and (4) raj karandak (king's box). In the same way acharya (preceptor) are of four kinds-(1) like shvapaak
karandak, (2) like veshya karandak, (3) like grihapati karandak and fi (4) like raj karandak. - विवेचन-करण्डक का अर्थ पिटारा, या सन्दूक है। वह बांस व बैंत की शलाकाओं से बनाया जाता में है। यहाँ पर 'करण्डक' की उपमा देकर उसके समान आचार्यों के गुण, महत्त्व आदि बताये हैं। जैसे- (१) श्वपाक (चाण्डाल, चर्मकार) के करण्डक में चमड़े को छीलने-काटने सादि के उपकरणों और है चमड़े के टुकड़ों आदि रखे रहने से वह असार या निकृष्ट कोटि का माना जाता है, उसी प्रकार जो , आचार्य सामान्य ज्ञानी होता है और गण या संघ में शिथिलाचार व संयमहीनता को बढ़ावा देता है, वह # आचार्य श्वपाक-करण्डक के समान है।
(२) साधारण वेश्या का करण्डक लाख भरे सोने के दिखाऊ आभूषणों से भरा होता है, वैसे ही जो # आचार्य अल्पज्ञानी होने पर भी अपने वचनचातुर्य व लोक लुभावन क्रियाओं से साधारण जनों को
आकर्षित करते हैं, वे वेश्या-करण्डक के समान है। 4 (३) किसी गृहपति या सम्पन्न गृहस्थ का करण्डक (पेटी) सोने-मोती आदि के आभूषणों से भरा रहता
है, वैसे ही जो आचार्य बहश्रुत और चारित्रसम्पन्न होते हैं, उन्हें गृहपति-करण्डक के समान कहा है। 4 (४) राजा का करण्डक मणि-माणिक आदि बहुमूल्य रत्नों से भरा होता है, उसी प्रकार जो आचार्य में अपने पद के योग्य सर्वगुणों से सम्पन्न होते हैं, उन्हें राज-करण्डक के समान कहा है। # Elaboration-Karandak means bag or box. It used to be made of fi bamboo or cane. Here the virtues and importance of preceptors have been explained using karandak as a metaphor. For example
(1) Like shvapaak karandak-As the box of a shoemaker contains leather cutting tools and pieces of leather it is considered to be of worst
चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
(23)
Fourth Sthaan : Fourth Lesson
5
555555555555555555)))))))))))))))
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org