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such manifestations including shift to genuses. Like the living, the non-4 living is also subject to transformation and ten such transformations
have been listed here. (Thanam, p. 964) ॐ अस्वाध्याय-पद ASVADHYAYA-PAD (SEGMENT OF PROHIBITION OF STUDIES)
२०. दसविधे अंतलिक्खए असज्झाइए पण्णत्ते, तं जहा-उक्कावाते, दिसिदाघे, गज्जिते, म विज्जुते, णिग्याते, जुवए, जक्खालित्ते, धूमिया, महिया, रयुग्घाते। म २०. अन्तरिक्ष (आकाश) सम्बन्धी अस्वाध्यायकाल (स्वाध्याय के लिए वर्जित काल) दस प्रकार का + है, जैसे-(१) उल्कापात-बिजली गिरने या तारा टूटने पर। (२) दिग्दाह-दिशाओं को जलती हुई देखने # पर। (३) गर्जन-आकाश में मेघों की घोर गर्जना तथा (४) विद्युत्-तड़तड़ाती हुई बिजली चमकने पर, , (५) निर्घात-मेघों के होने या न होने पर आकाश में व्यन्तरादिकृत घोर गर्जन या वज्रपात के होने पर, म
(६) यूपक-सन्ध्या की प्रभा और चन्द्रमा की प्रभा एक साथ मिलने पर, (७) यक्षादीप्त-यक्षादि के द्वारा किसी एक दिशा में बिजली जैसा प्रकाश दिखने पर, (८) धूमिका-कोहरा होने पर, (९) महिका-तुषार या ॥ बर्फ गिरने पर, (१०) रज-उद्घात-तेज आँधी से धूलि उड़ने पर। (विस्तार के लिए देखें ठाणं पृष्ठ ९६९) ___20. There are ten asvadhyaya kaal (period when studies are prohibited) due to reasons related to antariksh (space)-(When there is-) (1) Ulkapaat-a falling star or a comet is seen. (2) Digdahaconflagration in certain direction. (3) Garjana-loud thunder of clouds in the sky. (4) Vidyut--frequent lightening. (5) Nirghat-thunder storm with or without clouds caused by evil spirits. (6) Yupak---mixing of lights of sun and moon at dusk. (7) Yakshadipt-demonic glow created by Yakshas. 41 (8) Dhoomika-mist. (9) Mahika---frost. (10) Rajodghat-sandstorm.
२१. दसविधे ओरालिए असज्झाइए पण्णत्ते, तं जहा-अहि, मंसे, सोणिते, असुइसामंते, है सुसाणसामंते, चंदोवराए, सूरोवराए, पडणे, रायवुग्गहे, उवस्सयस्स अंतो ओरालिए सरीरगे।
२१. औदारिक शरीर सम्बन्धी अस्वाध्याय दस प्रकार का है-(१) अस्थि, (२) माँस, (३) रक्त, (४) अशुचि, (५) श्मशान के समीप होने पर, (६) चन्द्र-ग्रहण, (७) सूर्य-ग्रहण होने पर, (८) पतनप्रमुख व्यक्ति के मरने पर, (९) राजविप्लव होने पर, (१०) उपाश्रय के भीतर सौ हाथ क्षेत्र में है औदारिक कलेवर के होने पर। इन दस कारणों से स्वाध्याय करने का निषेध है।
21. There are ten asvadhyaya kaal (period when studies prohibited) due to reasons related to audarik sharira (gross physical body)-(In proximity of-) (1) bones, (2) flesh, (3) blood, (4) impurities, (5) cremation ground, (and at the time of-) (6) lunar eclipse, (7) solar eclipse, (8) death of some prominent person, (9) disturbance in the state and (10) presence of a corpse within hundred yards of the place of stay.
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दशम स्थान
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Tenth Sthaan
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