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15. Abhijit nakshatra (Lyrae; the 22nd constellation) is in conjunction फ with the moon for nine Muhurts. 16. Nine nakshatras (constellations) f including Abhijit have north-sided conjunction with Chandrama (the moon)—–— (1) Abhijit (Lyrae; the 22nd ), ( 2 ) Shravan (Alpha Aquilae; the 卐 23rd), (3) Dhanishtha (Belta Delphini; the 24th), (4) Shat Bhishag 5 (Lambda Aquarii; the 25th), (5) Purva Bhadrapad (Alpha Pegasi; the f 526th), (6) Uttara Bhadrapad ( Gama Pegasi; the 27th), (7) Revati (Zeta 5 5 Piscium; the 28th), (8) Asvini (Beta Arietis; the 1st) and ( 9 ) Bharani (35 Arietis; the 2nd).
१७. इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ णव जोअणसताई उड्ड 5 अबाहाए उवरिल्ले तारारूवे चारं चरति ।
१७. इस रत्नप्रभा पृथ्वी के अत्यन्त सम और रमणीय भूमि-भाग से नौ सौ योजन की ऊँचाई पर सबसे ऊपर वाला तारा ( शनैश्चर) भ्रमण करता है।
17. At a height of nine hundred Yojans from the beautiful level land of this Ratnaprabha prithvi travels the highest star (Saturn).
मत्स्य-पद MATSYA-PAD (SEGMENT OF FISH)
१८. जंबुद्दीवे णं दीवे णवजोयणिआ मच्छा पविसिंसु वा पविसंति वा पविसिस्संति वा ।
१८. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में नौ योजन की लम्बाई वाले मत्स्यों ने अतीत काल में प्रवेश किया है, वर्तमान में करते हैं और भविष्य में करेंगे।
18. Nine Yojan long matsyas (fishes) did, do and will enter Jambudveep continent.
विवेचन - वृत्तिकार कहते हैं - यद्यपि लवण समुद्र में पाँच सौ योजन के मत्स्य होते हैं, किन्तु जगती के रंध्र में केवल नौ योजन वाले मत्स्य ही प्रवेश पा सकते हैं, इससे बड़े नहीं। ये मत्स्य लवणसमुद्र से जम्बूद्वीप की नदियों में आ जाते हैं । ( वृत्ति. पत्र ४२५)
Elaboration-The commentator (Vritti) informs that although there are five hundred Yojan long fishes in Lavan Samudra on nine Yojan long fishes can enter the river-mouths, no larger than this. This fishes come into the rivers from Lavan Samudra. (Vritti, leaf 425)
बलदेव - वासुदेव - पद BALADEVA-VAASUDEVA-PAD
१९. जंबुद्दीवे दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव बलदेव वासुदेवपियरो हुत्था, तं जहा
स्थानांगसूत्र (२)
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(SEGMENT OF BALADEVA-VAASUDEVA)
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Sthaananga Sutra (2)
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