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牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙牙乐55555555558 F और हिमशीतल मृत्तिका का आहार करते हैं। पहले नरक से लेकर तीसरे नरक तक उष्णवेदना और चौथे से आगे सातवें तक शीतवेदना उत्तरोत्तर अधिक-अधिक पाई जाती है।
Elaboration-The infernal beings of hells, where heat-suffering is a norm, eat spark-like and ember-like clay. The infernal beings of hells, where cold-suffering is a norm, eat cold and icy clay. From first hell to the third hell there is a gradual increase in heat-suffering and from fourth to seventh hell there is a gradual increase in cold-suffering.
५११. तिरिक्खजोणियाणं चउविहे आहारे पण्णत्ते, तं जहा-कंकोवमे, बिलोवमे, ॐ पाणमंसोवमे, पुत्तमंसोवमे।
५११. तिर्यक्योनिक जीवों का आहार चार प्रकार का है-(१) कंकोपम-कंक' पक्षी के आहार के ॐ समान सुभक्ष्य और सुपाच्य आहार; (२) बिलोपम-बिना चबाये निगला जाने वाला आहार। जैसे-सर्प, # मछली आदि; (३) पाण-मांसोपम-चण्डाल के मांस के समान घृणित आहार; और (४) पुत्र-मांसोपमपुत्र के मांस-सदृश निन्द्य और कठिनाई से खाया जाने वाला आहार।
511. The ahar (food) of tiryakyonik jivas (animal beings) is of 'four kinds-(1) kankopam (kank-like)-food that is easy to eat and digest like the food of bird Kank' (white kite or heron), (2) bilopam (swallowed food)—food that is swallowed without chewing (as done by snake and
fish), (3) paan-masopam-detestable meat like that of a low born F (chandal) and (4) putra-mamsopam (like son's flesh)-detestable and unpalatable food like son's flesh.
५१२. मणुस्साणं चउविहे आहारे पण्णत्ते, तं जहा-असणे, पाणे, खाइमे, साइमे।
५१२. मनुष्यों का आहार चार प्रकार का है-(१) अशन-चौबीस प्रकार के धान्यादि से बनी रोटी, + दाल आदि का भोजन, (२) पान-पानी आदि पेय पदार्थ, (३) खाद्य-गुड़, शक्कर, मेवा, फल, मिष्ठान
आदि, और (४) स्वाय-लोंग, इलायची, पान-सुपारी औषध आदि सुगन्धित पदार्थ।
512. The ahar (food) of manushyas (human beings) is of four kinds(1) Ashan-staple food made from twenty four kinds of grains including wheat, rice, pulses, etc. (2) Paan-That which is drunk, such as water,
juice, etc. (3) Khadya--all other eatables including jaggery, sugar, dry$i fruits, fruits, sweets etc. (4) Svadya-Cardamom, clove, beetle-leaf, and $i
suchlike fragrant things.
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१. कंक नामक पक्षी दुष्पाच्य आहार को भी सुख से खाता है और सुख से पचा लेता है-टीका पत्र, २५१॥ 1. Kank (white kite) conveniently eats and digests unpalatable and indigestible food.
(Tika, leaf 251)
स्थानांगसूत्र (२)
(4)
Sthaananga Sutra (2) |
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