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| गणधर श्री सुधर्मा स्वामि प्रणीत तृतीय अंग
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सचित्र श्री स्थानांगसूत्र (द्वितीय भाग)
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| मूल पाठ-हिन्दी-अंग्रेजी अनुवाद, विवेचन एवं रंगीन चित्रों सहित )
* प्रधान सम्पादक * उत्तर भारतीय प्रवर्तक जैनधर्म दिवाकर
श्री अमर मुनि जी महाराज
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*सह-सम्पादक*
श्रीचन्द सुराना 'सरस'
पद्म प्रकाशन पद्म धाम, नरेला मण्डी, दिल्ली-११००४०
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