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________________ இதததததி***************தததததததததததததத फ उत्तर भारतीय प्रवर्त्तक गुरुदेव भण्डारी श्री पद्मचन्द्र जी म. सा. द्वारा सम्प्रेरित सचित्र आगममाला का सोलहवाँ पुष्प ■ सचित्र श्री स्थानांगसूत्र ( भाग २ ) ■ प्रधान सम्पादक प्रवर्त्तक श्री अमर मुनि जी ■ सह-सम्पादक श्रीचन्द सुराना 'सरस' ■ अंग्रेजी अनुवादक सुरेन्द्र बोथरा, जयपुर ■ संशोधन राजकुमार जी जैन, दिल्ली ■ प्रथमावृत्ति वि. सं. २०६१, चैत्र ईस्वी सन् २००४ अप्रैल ■ चित्रांकन डॉ. त्रिलोक शर्मा ■ प्रकाशक एवं प्राप्ति-स्थान पद्म प्रकाशन पद्म धाम, नरेला मण्डी, दिल्ली- ११००४० ■ मुद्रण-व्यवस्था संजय सुराना श्री दिवाकर प्रकाशन ए-७, अवागढ़ हाउस, एम. जी. रोड, आगरा - २८२००२ दूरभाष : (०५६२) २१५११६५ ■ मूल्य छह सौ रुपया मात्र (६०० /- रुपये) © सर्वाधिकार : पद्म प्रकाशन, दिल्ली 2955 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5555 5 5 595 Jain Education International ******* For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002906
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2004
Total Pages648
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_sthanang
File Size20 MB
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