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समाजागाजाभाऊऊऊऊऊ558
१४१. एगिदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविहे असंजमे कज्जति, तं जहा-पुढविकाइयअसंजमे, म [ आउकाइयअसंजमे, तेउकाइयअसंजमे, वाउकाइयअसमंजमे ], वणस्सतिकाइयअसंजमे।
१४१. एकेन्द्रिय जीवों का आरम्भ करने वाले को पाँच प्रकार का असंयम होता है(१) पृथ्वीकायिक-असंयम, (२) अप्कायिक-असंयम, (३) तेजस्कायिक-असंयम, (४) वायुकायिक, असंयम, (४) वनस्पतिकायिक-असंयम, ____141. A being indulging in harming or killing of one sensed beings has
five kinds of indiscipline-(1) Prithvikayik asamyam (indiscipline related ___to earth-bodied beings), [(2) Apkayik asamyam (indiscipline related to
water-bodied beings), (3) Tejas-kayik asamyam (indiscipline related to
fire-bodied beings), (4) Vayukayik asamyam (indiscipline related to airA bodied beings) and] (5) Vanaspatikayik asamyam (indiscipline related to
plant-bodied beings). म १४२. पंचिंदिया जं जीवा असमारभमाणस्स पंचविहे संजमे कज्जति, तं जहा# सोतिंदियसंजमे, [ चक्खिंदियसंजमे, पाणिंदियसंजमे, जिभिंदियसंजमे ], फासिंदियसंजमे।
१४२. पंचेन्द्रिय जीवों का आरम्भ-समारम्भ नहीं करने वाले को पाँच प्रकार का संयम होता है# (१) श्रोत्रेन्द्रिय-संयम, [(२) चक्षुरिन्द्रिय-संयम, (३) घ्राणेन्द्रिय-संयम, (४) रसनेन्द्रिय-संयम],
(५) स्पर्शनेन्द्रिय-संयम। f 142. A being not indulging in harming or killing of five sensed s
beings has five kinds of discipline-(1) shrotendriya samyam, (2) chakshurindriya samyam, (3) ghranendriya samyam,
(4) rasanendriya samyam and (5) sparshendriya samyam. म १४३. पंचिंदिया णं जीवा समारभमाणस्स पंचविहे असंजमे कज्जति, तं जहा-सोतिंदियअसंजमे, - [चक्खिंदियअसंजमे, घाणिंदियअसंजमे, जिभिंदियअसंजमे ], फासिंदियअसंजमे।
१४३. पंचेन्द्रिय जीवों का घात करने वाले को पाँच प्रकार का असंयम होता है(१) श्रोत्रेन्द्रिय-असंयम, [(२) चक्षुरिन्द्रिय-असंयम, (३) घ्राणेन्द्रिय-असंयम, (४) रसनेन्द्रिय- असंयम], (५) स्पर्शनेन्द्रिय-असंयम।
143. A being indulging in harming or killing of five sensed beings has five kinds of indiscipline—(1) shrotendriya asamyam, si (2) chakshurindriya asamyam, (3) ghranendriya asamyam, (4) rasanendriya asamyam and (5) sparshendriya asamyam.
१४४. सव्व पाणभूयजीवसत्ताणं असमारभमाणस्स पंचविहे संजमे कज्जति, तं जहाएगिदियसंजमे, [बेइंदियसंजमे, तेइंदियसंजमे, चउरिंदियसंजमे ], पंचिंदियसंजमे।
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पंचम स्थान : द्वितीय उद्देशक
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Fifth Sthaan : Second Lesson
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