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१३२. पंचविहा विसोही पण्णत्ता, तं जहा - उग्गमविसोही, उप्पायणविसोही, एसणविसोही, परिकम्मविसोही, परिहरणविसोही ।
१३१. उपघात - (अशुद्धि अथवा दोष) पाँच प्रकार का है - ( १ ) उद्गमोपघात - आधाकर्मादि १६ उद्गम दोषों से होने वाला चारित्र का घात । (२) उत्पादनोपघात - धात्री आदि १६ उत्पादन दोषों से होने वाला चारित्र का घात । (३) एषणोपघात - शंकित आदि १० एषणा के दोषों से होने वाला चारित्र का घात । (४) परिकर्मोपघात - वस्त्र - पात्रादि के निमित्त से होने वाला चारित्र का घात । (५) परिहरणोपघात - अकल्प्य उपकरणों के उपभोग से होने वाला चारित्र का घात |
132. Vishodhi (purity) is of five kinds-(1) Udgamavishodhicensuring the faults of accepting alms including aadhakarma (food cooked specifically for ascetics). (2) Utpadanavishodhi-censuring the faults of participating in arranging for or producing alms including dhatri. (3) Eshanavishodhi-censuring the faults of alms seeking including shankit (dobtful). (4) Parikarmavishodhi-censuring faults related to garb, bowls and other prescribed ascetic equipment. (5) Pariharanavishodhi-censuring using prohibited equipment.
दुर्लभ - सुलभ - बोधि पद DURLABH SULABH BODHI-PAD
१३२. विशोधि पाँच प्रकार की है - ( १ ) उद्गमविशोधि - आधाकर्मादि उद्गम-जनित दोषों का 5 वर्जन । (२) उत्पादनविशोधि - धात्री आदि उत्पादन - जनित दोषों का वर्जन । (३) एषणाविशोधि-शंकित आदि एषणा - जनित दोषों का वर्जन । (४) परिकर्मविशोधि - वस्त्र - पात्रादि परिकर्म-जनित दोषों का वर्जन । (५) परिहरणविशोधि- अकल्प्य उपकरणों के उपभोग-जनित दोषों का वर्जन ।
131. Upaghat (impurity or fault) is of five
(1) Udgamopaghat-impurity in conduct due to the 16 faults of accepting 5 alms including aadhakarma (food cooked specifically for ascetics). (2) Utpadanopaghat — impurity in conduct due to the 16 faults of 5 participating in arranging for or producing food for alms including dhatri (faults committed by donor). (3) Eshanopaghat-impurity in conduct due to the 10 faults of alms seeking including shankit (dobtful food). (4) Parikarmopaghat-impurity in conduct due to faults related to garb, bowls and other prescribed ascetic equipment. ( 5 ) Pariharanopaghat - 5 impurity in conduct due to using prohibited equipment.
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(SEGMENT OF DIFFICULT AND EASY ENLIGHTENMENT)
१३३. पंचर्हि ठाणेहिं जीवा दुल्लभबोधियत्ताए कम्मं पकरेंति, तं जहा - अरहंताणं अवण्णं वदमाणे, अरहंतपण्णत्तस्स धम्मस्स अवण्णं वदमाणे, आयरियउवज्झायाणं अवण्णं वदमाणे, चाउवण्णस्स संघस्स अवण्णं वदमाणे, विवक्क - तव - बंभचेराणं देवाणं अवण्णं वदमाणे ।
पंचम स्थान: द्वितीय उद्देशक
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27 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 95 96 97 9 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 95 95 96 97 2
Fifth Sthaan: Second Lesson
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